शाहजहांपुर, एजेंसी। पूर्व गृह राज्यमंत्री स्वामी चिन्मयानंद ने खुद पर एक विधि छात्रा द्वारा जान से मारने की धमकी के आरोप लगाए जाने पर कहा कि उन्हें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है। आरोप लगने के बाद पहली बार प्रेस से मुखातिब हुए चिन्मयानंद ने कहा कि मामला उच्चतम न्यायालय में विचाराधीन है और इसकी जांच के लिये विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन हो चुका है। उन्होंने कहा कि उन्हें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है और उनको जो भी कहना है वह एसआईटी के सामने ही कहेंगे।


चिन्मयानंद ने कहा कि वह मीडिया के सामने अपनी बात रख कर एसआईटी द्वारा की जा रही सुनवाई में व्यवधान पैदा करना नहीं चाहते हैं। उन्होंने इस प्रकरण के पीछे साजिश का आरोप लगाते हुए कहा कि जब वह स्वामी शुकदेवानंद विधि महाविद्यालय में एलएलएम की कक्षाएं शुरू कराने का प्रयास कर रहे थे तब भी कालेज के कुछ लोगों ने हंगामा किया था।



चिन्मयानंद ने कहा कि आज जब वह विश्वविद्यालय बना रहे हैं और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलकर उन्हें इस बारे में प्रस्ताव देना था, तभी इसे बाधित करने के लिए यह मामला उछाल दिया गया। चिन्मयानंद ने कहा 'मैं समझ नहीं पा रहा हूं कि वह कौन लोग हैं जो जिले के विकास में रोड़ा डाल रहे हैं। आखिर उनकी मंशा क्या है?'


स्वामी चिन्मयानंद के अधिवक्ता ओम सिंह ने संवाददाताओं को बताया कि कॉलेज प्रबंध समिति और कॉलेज प्रशासन की ओर से तीन अधिवक्ताओं की एक टीम बनाई गई है जो इस मामले की जांच करेगी और पूरी रिपोर्ट प्रबंध समिति को सौंपेगी।


गौरतलब है कि स्वामी शुकदेवानंद विधि महाविद्यालय में एलएलएम की एक छात्रा ने गत 24 अगस्त को फेसबुक पर एक वीडियो अपलोड किया था। उसमें उसने 'एक सन्यासी' द्वारा कई लड़कियों की जिंदगी बर्बाद किये जाने का आरोप लगाते हुए खुद को तथा अपने परिवार को जान का खतरा बताया गया था। इसके बाद से वह लापता हो गई थी।



छात्रा के पिता की तहरीर पर शहर कोतवाली में चिन्मयानंद के विरुद्ध लड़की का अपहरण करने एवं जान से मारने की धमकी देने का मुकदमा दर्ज करा दिया था। बाद में यह मामला उच्चतम न्यायालय पहुंच गया था, जिसके निर्देश पर प्रकरण की जांच के लिये एसआईटी गठित की गई है। लड़की को हाल ही में राजस्थान से बरामद किया गया था।