UP Politics: तीखे बयानों की वजह से सुर्खियों में रहनेवाले स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) ने अब समाजवादी पार्टी से पूरी तरह नाता तोड़ लिया है. पिछले 24 घंटे में उन्होंने ताबड़तोड़ फैसले लिए. आज (मंगलवार) को उन्होंने सपा की प्राथमिक सदस्यता के साथ एमएलसी पद भी छोड़ने की घोषणा कर दी. राज्यसभा उम्मीदवारों की घोषणा के बाद सपा में बगावत फूट पड़ी थी. स्वामी प्रसाद मौर्य ने सपा में भेदभाव होने का आरोप लगाते हुए महासचिव पद से इस्तीफा दे दिया था.


24 घंटे में स्वामी प्रसाद के दो बड़े फैसले


सपा में चल रहे घमासान के बीच विधायक पल्लवी पटेल ने भी मोर्चा खोल दिया. उन्होंने राज्यसभा चुनाव में जया बच्चन और आलोक रंजन को उम्मीदवार बनाए जाने का विरोध कर दिया. उन्होंने सपा में स्वामी प्रसाद मौर्य के साथ हुए व्यवहार पर भी अखिलेश यादव से नाराजगी जताई. सपा नेताओं की आपत्ति के बाद सलीम इकबाल शेरवानी ने भी राज्यसभा चुनाव में मुसलमानों की उपेक्षा का आरोप लगाकर महासचिव पद से इस्तीफा दे दिया.


22 फरवरी को दिल्ली में बुलाई है रैली


24 घंटे पहले स्वामी प्रसाद मौर्य ने खुद की नई पार्टी गठित की. उन्होंने नई पार्टी का राष्ट्रीय सोशित समाज रखा. राष्ट्रीय सोशित समाज का गठन करने के साथ पार्टी का झंडा भी सामने आया गया है. नीला, लाल, हरे रंग की पट्टी वाले झंडे के बीच में RSSP लिखा हुआ है. आज उन्होंने सपा से पूरी तरह किनारा होने की घोषणा कर दी. 13 फरवरी को महासचिव पद से त्यागपत्र देने के एक सप्ताह बाद स्वामी प्रसाद मौर्य ने सपा की प्राथमिक सदस्यता के साथ एमएलसी की कुर्सी भी छोड़ दी. 22 फरवरी को स्वामी प्रसाद मौर्य दिल्ली में एक रैली को संबोधित करेंगे. 22 फरवरी को होनेवाली रैली में स्वामी प्रसाद मौर्य आगे की सियासी पारी का एलान कर सकते हैं.  


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