Swami Prasad Maurya Resigned: समाजवादी पार्टी से इस्तीफा देने के बाद पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती के रास्ते पर चलने के संकेत दिए हैं. राजधानी लखनऊ में पत्रकारों से वार्ता के दौरान स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि कांशीराम के बताये रास्ते पर चलना है. अखिलेश यादव पर स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि उनके कथनी और करणी में अंतर है. मतभेद हुआ है मनभेद नहीं है.


पूर्व सपा नेता ने कहा कि आज अलग होने का कारण वैचारिक मतभेद है. मैं कभी विचाराधारा से हटा नहीं. मैंने नेताजी मुलायम सिंह यादव के साथ काम किया वो खांटी समाजवादी नेता थे. अब हमें कांशीराम के बताये रास्ते पर चलना है. मौर्य ने कहा कि 22 फरवरी 2024 को हमने नई पार्टी बनाने का फैसला लिया है. अब चुनाव की रणभेरी बज चुकी है.



अखिलेश यादव को लेकर कही ये बात


स्वामी प्रसाद मौर्य ने सपा अध्यक्ष पर भी निशाना साधा और कहा कि, "अखिलेश यादव अभी भटके हुए हैं. अगर सही रास्ते पर आएंगे तो स्वागत करूंगा. मैं स्वच्छ राजनीति में विश्वास करता हूं. अलग होने के पीछे का कारण वैचारिक मतभेद है. मेरे  और अखिलेश यादव और समाजवादी पार्टी (सपा) के साथ वैचारिक मतभेद रहे हैं. मैंने अखिलेश यादव को देखा, वह समाजवादी विचारधारा के खिलाफ जा रहे हैं."


मौर्य ने कहा, "मुझे मुलायम सिंह यादव के साथ भी काम करने का अनुभव है. वे कट्टर समाजवादी नेता थे. जो लोग उनकी विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं अफसोस की बात है. वे उनकी विचारधारा पर नहीं चल पा रहे हैं." उन्होंने सपा सांसद राम गोपाल यादव पर भी जमकर भड़ास निकाली हैं. उन्होंने कहा कि जब तक प्रोफेसर सपा में रहेंगे, सपा गर्त में ही जाती रहेगी. 


13  फरवरी को स्वामी प्रसाद मौर्य ने सपा के राष्ट्रीय महासचिव पद से इस्तीफा दे दिया था. उन्होंने पार्टी में भेदभाव का आरोपा लगाया और कहा कि सपा में एक राष्ट्रीय महासचिव का बयान  पार्टी का बयान होता है और दूसरे महासचिव का बयान निजी हो जाता है. उन्होंने पार्टी पर पीडीए का सम्मान नहीं करने का भी आरोप लगाया, जिसके बाद आज उन्होंने विधान परिषद और सपा की प्राथमिक सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया. 


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