Swami Prasad Maurya: कांग्रेस सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) द्वारा सीएम योगी (Yogi Adityanath) को लेकर दिए बयान पर स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) का प्रतिक्रिया सामने आई है. मौर्य ने कहा कि राहुल गांधी कांग्रेस के नेता है, उन्होंने क्या सोचकर ये कहा है इसकी व्याख्या वो ही कर सकते हैं. स्वामी प्रसाद ने कहा, इतना जरूर है कि अगर गोरखनाथ पीठ की बात की जाए तो शुरुआती दौर में उसकी स्थापना ही ढोंग, पाखंड, छलावा, धर्म के नाम पर लूट के विरोध में स्थापित हुआ था, लेकिन आज उस पीठ की गरिमा के अनुरूप काम नहीं हो रहा.
स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि ये सही है कि इसकी स्थापना के समय जो सोच थी उसे कहीं ना कहीं आज भटकाव के रास्ते पर ले जाने का काम सीएम योगी कर रहे हैं, क्योंकि वो उसके पीठाधीश्वर है, सर्वे सर्वा हैं तो उस पुरानी गरिमा को कहीं ना कहीं भूले हैं. इस देश में जो पाखंडवाद है, जो धर्म के नाम पर दिखावा और छलावा है, ढकोसला है इसके विरुद्ध उसकी स्थापना हुई थी, यानी वैज्ञानिक सोच के साथ उस पीठ की स्थापना हुई. उस सोच को आगे और बढ़ाना चाहिए इसलिए वह आस्था का केंद्र है. इसमें कोई दो राय नहीं कि वह लाखों करोड़ों लोगों की आस्था का केंद्र है, लोगों की उसके प्रति श्रद्धा है, लेकिन उस पीठ की जो गरिमा है, स्थापना के समय का जो उद्देश्य था उन उद्देश्यों पर इस समय काम नहीं हो रहा.
मोहन भागवत के बयान पर कही ये बात
संघ प्रमुख मोहन भागवत ने बयान पर स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि भागवत कहते हैं कि जातियां भगवान ने नहीं पंडितों ने बनाई है और स्पष्टीकरण भी आरएसएस के लोग ही दे रहे हैं, उससे हमारा क्या मतलब. मैं बस ये जानता हूं कि संघ प्रमुख ने ये सच स्वीकारने की हिम्मत दिखाई है कि जातियां पंडित ने बनाई है. ये बात उन्होंने दिल से कही या मजबूरी में कहीं ये अलग विषय है. मैं भी यही कहता हूं कि धर्म के नाम पर किसी को गाली देना, अपमानित करना, प्रताड़ित करना, नीच कहना धर्म का हिस्सा नहीं हो सकता.
सपा नेता ने कहा कि धर्म कोई भी हो सबका मकसद मानव कल्याण, मानवता का सशक्तिकरण धर्म का हिस्सा था, है और रहेगा. इसीलिए धर्म की आड़ में लगातार एक वर्ग और जाति विशेष के लोग इस देश के 97 फीसदी आबादी वाले समस्त महिलाओं, आदिवासियों, दलितों, पिछड़ों को कहीं न कहीं अपमानित और प्रताड़ित करने की बात करते हैं. जिन 97 फीसदी लोगों की भावनाएं आहत हो रही वह भी हिंदू ही है. देश दुनिया में कोई धर्म नहीं जो अपने ही अनुयायियों को नीच कहे, भेदभाव करें, अपमानित करें, प्रताड़ित करें. मोहन भागवत के बयान के बाद सारे धर्म आचार्यों को नए सिरे से सोचने का एक अवसर मिल रहा है.
बीजेपी पर साधा निशाना
स्वामी प्रसाद ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि बीजेपी को किसी पर उंगली उठाने का हक नहीं है. हिंदू मुसलमान वह करते हैं, ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य, शूद्र उसने बनाया. भाजपा को यह नहीं भूलना चाहिए कि इन्हीं आदिवासियों, दलितों, पिछड़ों को चुनाव में हिंदू कहकर वोट बटोरने में शर्म नहीं आती, लेकिन जब सत्ता में आते हैं तो यह दुश्मन बन जाते हैं. इनको अपमानित, प्रताड़ित किया जाता है, नीच कहा जाता है. जाति के नाम पर झूठी एफआईआर दर्ज की जाती है, बुलडोजर चलाए जाते हैं.
मौर्य ने कहा कि सपा हमेशा राजनीतिक मुद्दों की बात करती है. ये सामाजिक सरोकार से जुड़ा मुद्दा है इसे राजनीतिक चश्मे से नहीं देखना चाहिए. देश की महिलाओं, आदिवासी, दलित, पिछड़ों से जुड़ा बहुत गंभीर मामला है. 3 फीसदी लोगों को धर्म की आड़ में धर्म के नाम पर 97 फीसदी वालों को गाली देने का हक नहीं.
बेटी संघमित्रा मौर्य को लेकर कही ये बात
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी के स्वामी प्रसाद मौर्य की बेटी व भाजपा सांसद संघमित्रा मौर्य को लेकर दिए बयान पर भी स्वामी प्रसाद बोले. उन्होंने कहा कि वो भाजपा की सांसद हैं क्या तय करेंगी क्या नहीं वो उनके अपने विवेक पर है. इस मामले से सांसद का कोई मतलब नहीं. यह देश की महिलाओं, आदिवासियों, दलितों, पिछड़ों के सम्मान से जुड़ा मामला है.
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