कुशीनगर में स्वामी प्रसाद मौर्य बिगाड़ेंगे दिग्गजों का खेल? ब्राह्मण बाहुल्य देवरिया में 'चौहान' के क्या हैं मायने
UP Lok Sabha Elections: यूपी के कुशीनगर को हॉट सीट माना जाता है. बुद्ध की धरती से चुनाव मैदान में कूदकर स्वामी प्रसाद मौर्य राजनीति के दिग्गजों का समीकरण बिगाड़ सकते हैं.
Lok Sabha Elections 2024: उत्तर प्रदेश के कुशीनगर और देवरिया सीट पर मुकाबला रोचक हो गया है. यूपी की राजनीति के दिग्गज खिलाड़ी माने जाने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य ने सपा और गठबंधन से नाखुश होकर जहां राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी बना ली. तो वहीं, सियासी दिग्गजों को राजनीतिक समीकरण को ध्वस्त करने के लिए खुद कुशीनगर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है. वहीं, ब्राह्मण बाहुल्य देवरिया सदर लोकसभा सीट पर अपनी पार्टी से एसएन चौहान को उतारकर वे क्या पैंतरा चल रहे हैं, इसे लेकर उन्होंने राजनीति के जानकारों को उलझन में डाल दिया है.
यूपी के कुशीनगर को हॉट सीट माना जाता है, क्योंकि इस सीट को लेकर जहां, बीजेपी सांसद विजय दुबे के टिकट कटने के चर्चे आम रहे हैं. इस बीच कुंवर आरपीएन सिंह समेत कई नाम भी सामने आए. बताया गया कि टिकट के लिए ये बड़े चेहरे दिल्ली तक की दौड़ लगा रहे हैं लेकिन कुंवर आरपीएन सिंह को राज्यसभा भेजकर बीजेपी शीर्ष नेतृत्व ने अपनी मंशा को जाहिर कर दिया.
कुशीनगर से बीजेपी प्रत्याशी कौन?
पूर्वी यूपी के गोरखपुर-बस्ती मंडल में पिछले विधानसभा और लोकसभा चुनाव में क्लीन स्वीप करने वाले चेहरों के स्थायी रहने की मुहर उसी समय लग गई. हालांकि फिर भी कयास लगाए जाते रहे. बीजेपी ने विजय दुबे को कुशीनगर से प्रत्याशी घोषित कर तस्वीर को पूरी तरह से साफ भी कर दिया. इस बीच न तो गठबंधन ने पत्ते खोले और न ही बीएसपी ने ही अपना प्रत्याशी मैदान में उतारा.
देवरिया से कांग्रेस के अखिलेश प्रताप मैदान में
ऐसे में देवरिया सदर लोकसभा सीट की बात करें, तो ये 'इंडिया' गठबंधन के तहत कांग्रेस के खाते में गई है. इस सीट से कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता अखिलेश प्रताप सिंह पर विश्वास जताया गया है. वो जी-जान के साथ चुनाव प्रचार में जुटे हैं. राजनीति के जानकार मानते हैं कि इस सीट पर गठबंधन के प्रत्याशी अखिलेश प्रताप सिंह की अच्छी साख का फायदा मिल सकता है. ब्राह्मण बाहुल्य इस सीट पर अखिलेश प्रताप सिंह के गठबंधन से चुनाव मैदान में उतरने से बीजेपी शीर्ष नेतृत्व को चक्रव्यूह में फंसा दिया है.
ब्राह्मण बाहुल्य सीट देवरिया में बीजेपी क्या करेगी?
बीजेपी शीर्ष नेतृत्व सीटिंग एमपी रमापति राम त्रिपाठी पर फिर से दांव खेल सकता है. ऐसा इसलिए भी माना जा रहा है कि ब्राह्मण बाहुल्य सीट होने और सिद्धार्थनगर में जगदंबिका पाल के चुनाव लड़ने की वजह से यहां भी एज फैक्टर का कोई मायने नहीं है. ऐसे में पार्टी एक बार फिर रमापति पर विश्वास जता सकती है.
देवरिया में 'चौहान' के क्या हैं मायने?
वहीं, स्वामी प्रसाद मौर्य ने अपनी राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी से एसएन चौहान को चुनाव मैदान में उतारकर बीजेपी और गठबंधन दोनों को ही चौंका दिया है. हालांकि ये माना जा रहा है कि दोनों ही सीटों पर स्वामी प्रसाद मौर्य को सपा में रहते हुए की गई बयानबाजी का नुकसान उठाना पड़ सकता है.
कुशीनगर का जातिगत समीकरण
जातिगत समीकरण की बात करें, तो कुशीनगर में सवर्ण वोटरों की आबादी 14 फीसदी है. ओबीसी वोटरों की संख्या अच्छी खासी है. ओबीसी वोटरों की तादात 55 फीसदी से अधिक है. ओबीसी में सैंथवार-मल्ल बिरादरी के वोट सर्वाधिक हैं. इनमें सैंथवार-मल्ल, यादव, निषाद, बनिया और अन्य बिरादरी के वोट शामिल हैं. इसके अलावा अनुसूचित जाति के वोट 17 फीसदी हैं. वहीं अनुसूचित जनजाति के दो प्रतिशत वोट हैं. मुस्लिम वोटर भी करीब 15 प्रतिशत के करीब हैं. इसके अलावा अन्य वोटरों की तादात 07 प्रतिशत है.
यूपी के कुशीनगर जिले की बात करें, तो यहां सात विधानसभा खड्डा, पडरौना, कुशीनगर, हाटा, रामकोला, तमकुहीराज और फाजिलनगर शामिल है. हालांकि तमकुहीराज और फाजिलनगर विधानसभा सीट देवरिया लोकसभा क्षेत्र में आती है. ऐसे में पांच विधानसभा की बात करें, तो यहां की आबादी 31 लाख 16 हजार 553 है. इसमें पुरुषों की संख्या 15 लाख 91 हजार 640 और महिलाओं की आबादी 15 लाख 24 हजार 913 है.
कुशीनगर लोकसभा सीट पर कुल वोटरों की संख्या 18 हजार 63 हजार 111 है. इनमें पुरुष वोटर 9 लाख 80 हजार पांच हैं. तो वहीं महिला वोटरों की संख्या 8 लाख 83 हजार तीन है. पुरुष वोट 61.57 प्रतिशत और महिला वोटर 57.91 प्रतिशत हैं. अन्य वोटरों की संख्या 108 है. कुल प्रतिशत की बात करें, तो 59.78 प्रतिशत है.
देवरिया का जातिगत समीकरण
देवरिया की कुल जनसंख्या 28 लाख 18 हजार 561 है. तो वहीं मतदाताओं की संख्या 17 लाख 35 हजार 574 है. इनमें पुरूष मतदाता 9,50,812 महिला मतदाता 7,84,666 हैं. अन्य मतदाता 96 हैं. जातिगत समीकरण की बात करें, तो ये सीट सवर्ण बाहुल्य सीट मानी जाती है. इसमें सर्वाधिक संख्या में ब्राह्मण 27 प्रतिशत हैं. अनुसूचित जाति के लोग 14 प्रतिशत, अल्पसंख्यक 12 फीसदी, यादव 8 प्रतिशत, वैश्य 8 प्रतिशत, सैंथवार 6 प्रतिशत, कुर्मी 5 प्रतिशत, क्षत्रिय 5 प्रतिशत, कायस्थ 4 प्रतिशत, राजभर 4 प्रतिशत, निषाद 3 प्रतिशत हैं. अन्य 4 प्रतिशत मतदाता हैं.
देवरिया लोकसभा सीट से रमापति राम त्रिपाठी वर्तमान में बीजेपी सांसद हैं. साल 2019 के लोकसभा चुनाव में मोदी लहर में वे यहां से सांसद बने. इसके पहले कलराज मिश्र भी यहां साल 2014 के चुनाव में कमल खिला चुके है. बीजेपी के दोनों दिग्गज नेताओं पर बाहरी होने और विकास नहीं करने के आरोप लगते रहे हैं.
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