Azamgarh News: एमएलसी और सपा के वरिष्ठ नेता स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) के श्रीरामचरितमानस पर दिए गए विवादित बयान की पूरे देश में तीखी आलोचना हो रही है. स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान से जहां समाजवादी पार्टी निजी बयान बताकर पल्ला झाड़ने की कोशिश कर रही है, वहीं बीजेपी (Bjp) पूर्व मंत्री पर आक्रामक है. मंगलवार को गोरखपुर फैजाबाद स्नातक चुनाव में बीजेपी के प्रत्याशी देवेंद्र प्रताप सिंह के समर्थन में आयोजित मतदाता सम्मेलन में पहुंचे बीजेपी एमएलसी सुभाष यदुवंश ने स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान पर समाजवादी पार्टी पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य श्रीरामचरितमानस को बैन करने की मांग कर रहे हैं, जबकि पिछले चुनावों में जनता ने उन्हें ही हराकर बैन कर दिया है.
असंसदीय भाषा के कारण ही जनता ने नकारा
एमएलसी ने कहा कि असंसदीय भाषा का प्रयोग करने के कारण ही जनता ने उन्हें सदन नहीं भेजा. लेकिन, फिर भी सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उन्हें पिछले दरवाजे से एमएलसी बना दिया. ऐसे लोग सड़क पर इस तरह की भाषा का प्रयोग कर रहे हैं, बाद में सदन में भी ऐसी ही भाषा का प्रयोग करेंगे. उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव को यह स्पष्ट करना चाहिए कि क्या वह भगवान राम और रामायण पर स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान से सहमत हैं, अगर सहमत नहीं है तो क्या कार्रवाई कर रहे हैं ?
जनता ने किया जमींदोज, अखिलेश यादव ने भेजा सदन
बीजेपी एमएलसी ने कहा कि जिस नेता को जनता ने जमींदोज कर दिया था, उसे अखिलेश यादव ने सदन में भेजने का काम किया. अखिलेश यादव कार्यवाही करें या न करें, योगी आदित्यनाथ की सरकार में कानून अपना काम करेगा. उन्हें जनता तो इन्हें पहले ही नकार चुकी है. बीजेपी एमएलसी ने खंड स्नातक चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी देवेंद्र प्रताप सिंह की भारी मतों से जीत का दावा किया. कहा कि स्नातक मतदाता पीएम मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ के कार्यों से प्रभावित होकर बीजेपी प्रत्याशी के पक्ष में ही मतदान करेगी.
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