Swami Prasad Maurya on Teachers Bharti: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 69000 शिक्षक भर्ती मामले में मेरिट लिस्ट को रद्द कर दिया है, जिसे लेकर सियासत तेज हो गई है. सपा समेत तमाम विरोधी दल इसे लेकर यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार पर निशाना साध रहे हैं. इसी क्रम में पूर्व मंत्री और राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी के अध्यक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य ने बीजेपी पर हमला किया और कहा कि अब आरक्षित वर्ग के अभ्यार्थियों को न्याय जरूरी मिलेगा.
स्वामी प्रसाद मौर्य ने हाईकोर्ट के आदेश के स्वागत करते हुए सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट किया और लिखा- 'माo उच्च न्यायालय ने 69000 शिक्षक भर्ती में उo प्रo भाजपा सरकार द्वारा आरक्षित पदों पर सामान्य वर्ग के लोगों के भर्ती घोटाले का संज्ञान लेते हुए 3 महीने के अन्दर आरक्षण नियमावली का पालन करते हुए नई मेरिट लिस्ट बनाने का आदेश दिया.'
स्वामी प्रसाद मौर्य की प्रतिक्रिया
उन्होंने आगे कहा- 'हम पहले से ही 18000 पिछड़े वर्ग व अनु. जाति के आरक्षित पदों पर किए गये घोटाले का मुद्दा उठाते रहे हैं. इसीलिए माo उच्च न्यायालय के इस निर्णय का हम स्वागत करते हैं. विश्वास है कि आरक्षित वर्ग के पीड़ित अभ्यर्थियों को अब न्याय अवश्य मिलेगा.'
बता दें कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने उत्तर प्रदेश में सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा (एटीआरई) के तहत 69 हजार शिक्षकों की नियुक्ति के लिए जून 2020 में जारी चयन सूची एवं 6800 अभ्यर्थियों की पांच जनवरी 2022 की चयन सूची को दरकिनार कर नए सिरे से सूची बनाने के आदेश दिए हैं.
नई सूची बनाने के आदेश
इससे पहले एकल पीठ ने 69 हजार अभ्यर्थियों की चयन सूची पर पुनर्विचार करने के साथ-साथ 6800 अभ्यर्थियों की पांच जनवरी 2022 की चयन सूची को खारिज कर दिया था. न्यायमूर्ति ए आर मसूदी एवं न्यायमूर्ति बृजराज सिंह की पीठ ने महेंद्र पाल एवं अन्य द्वारा एकल पीठ के आदेश के खिलाफ दायर की गयी 90 विशेष अपीलों को एक साथ निस्तारित करते हुए नयी सूची बनाने के आदेश दिये.
पीठ ने कहा है कि नयी चयन सूची बनाते समय यदि वर्तमान में कार्यरत किसी सहायक शिक्षक पर विपरीत असर पड़ता है तो मौजूदा सत्र का लाभ दिया जाये ताकि छात्रों की पढ़ायी पर खराब असर न पड़े.
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