मायावती के फैसले पर पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य बोले- 'इसपर टिप्पणी करने का कोई औचित्य नहीं'
आकाश आनंद को बीएसपी में सभी पदों से मुक्त किए जाने के बाद पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा है कि अभी बसपा की अध्यक्ष मायावती हैं, क्या फैसला लेना है ये उनका विवेक है. ये उनका सर्वाधिकार है.

UP News: बसपा सुप्रीमो मायावती के फैसलों पर अब सियासी बयानबाजी तेज हो गई है. पहले सिद्धार्थ और अब आकाश आनंद को पार्टी के सभी पदों से मुक्त किए जाने के बाद जमकर बयानबाजी हो रही है. अब बीएसपी सरकार में मंत्री रहे स्वामी प्रसाद मौर्य ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि अभी बसपा की अध्यक्ष मायावती हैं, क्या फैसला लेना है ये उनका विवेक है.
स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि किसको क्या जिम्मेदारी देनी है, किसको क्या नहीं देनी है, किसको रखना है और किसको हटाना है. ये उनका विवेक है. ये उनका सर्वाधिकार है कि पार्टी में किसकी क्या भूमिका होगी और क्या नहीं होगी ये राष्ट्रीय अध्यक्ष तय करता है. हम समझते हैं कि इसमें कोई विशेष बात नहीं है, जिससे इसपर कुछ कहने की आवश्यकता हो.
जब उनसे परिवारवाद पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि जिसको रखा था वह भी परिवारवाद की सीमा में आता है. जिसको हटा कर रखा है वह भी परिवारवाद की सीमा में आता है तो आकाश आनंद को हटाने से परिवारवाद कहां पैदा होगा. वो तो ये पहले से चला आ रहा है. इसलिए भतीजे को हटाया और भाई को रख लिया. ये कौन सी नई बात है जो बहन जी ने कुछ नया किया है.
क्या बोले स्वामी प्रसाद मौर्य
पूर्व मंत्री ने कहा कि पहले भी आनंद जी थे बीच में आनंद जी को कार्यमुक्त करके आकाश आनंद को रखा है. आकाश आनंद को एक बार और हटाया था, फिर आकाश आनंद को रखा था. अब एक बार फिर आकाश आनंद को हटाकर उनके पिता यानी बहन जी ने अपने भाई को रख लिया. मामला तो पूरा घर में ही है. ये बहन जी की अपनी सोच है, वो राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं.
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उन्होंने कहा कि वह अपने संगठन को किस तरह से चलाना चाहती हैं, हम समझते हैं कि इसपर टिप्पणी करने का कोई विशेष औचित्य नहीं है. बता दें कि मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद को लोकसभा चुनाव के दौरान भी उत्तराधिकारी के पद से हटा दिया था. लेकिन उसके बाद फिर से उन्हें उनका पद वापस दे दिया.
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