Caste Census Politics: लोकसभा चुनाव से पहले जातीय जनगणना की मांग पर सियासत जारी है. बिहार में जातीय सर्वे पर पटना हाईकोर्ट की लगी रोक हटने के बाद बसपा सुप्रीमो मायावाती (BSP Chief Mayawati) ने अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) का सबसे बड़ा हथियार छीन लिया. मायावती ने ओबीसी समाज की आर्थिक, सामाजिक और शैक्षणिक स्थिति का सही आंकलन करने के लिए उत्तर प्रदेश में भी जातीय जनगणना की वकालत प्रमुखता से की. उन्होंने यूपी में जातीय सर्वे नहीं कराने पर बीजेपी सरकार को आड़े हाथों लिया.
स्वामी प्रसाद मौर्य ने मायावती की तारीफ की
बसपा प्रमुख ने मांग की कि केंद्र सरकार भी राष्ट्रीय स्तर पर जातीय जनगणना कराए. जातियों का सर्वे कराए जाने को लेकर मायावती के समर्थन करने पर सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने मायावती की मांग को सकारात्मक पहल बताया. बता दें कि मायावती कई बार स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ तीखी प्रतिक्रिया दे चुकी हैं. रामचरितमानस पर सवाल उठाने या ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में बौद्धकाल के अवशेष बताने पर स्वामी प्रसाद मौर्य को मायावती ने कड़ी फटकार लगाई थी. उन्होंने आरोप लगाया था कि स्वामी प्रसाद मौर्य राजनीतिक उद्देश्य से बयानबाजी कर रहे हैं.
इस मुद्दे पर बसपा सुप्रीमो के फैसले का स्वागत
मायावती की फटकार के बावजूद सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य का रुख बसपा सुप्रीमो के प्रति नरम है. स्वामी प्रसाद मौर्य ने बुधवार को मायावती की तारीफ करते हुए कहा कि बसपा सुप्रीमो के फैसले का सपा स्वागत करती है. उन्होंने कहा कि सपा की जातीय जनगणना का सर्वे कराने की मांग पहले से थी. लेकिन अब बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी सपा की मांग पर मुहर लगा दी है. जातीय जनगणना के मुद्दे पर मायावाती के बदले रुख से अंदाजा लगाया जा रहा है कि लोकसभा चुनावों में बीजेपी सरकार पर दबाव बढ़ने वाला है. मायावती का सवाल है कि पटना हाईकोर्ट की तरफ से जातीय सर्वे को वैध ठहराए जाने के बाद यूपी में प्रक्रिया कब शुरू होगी?