Ramcharitmanas Controversy: श्रीरामचरित मानस (Ramcharitmanas) पर टिप्पणी को लेकर विवादों से घिरे समाजवादी पार्टी के एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) ने कहा कि जब तक इस महाकाव्य की 'आपत्तिजनक' टिप्पणी संशोधित या प्रतिबंधित नहीं होती है तब तक इसके खिलाफ उनकी मुहिम जारी रहेगी. मौर्य ने बीजेपी पर वोट लेने के लिए दलितों और पिछड़ों को हिंदू होने का एहसास कराने और सम्मान देने की बारी आने पर उपेक्षा करने का आरोप लगाते हुए कहा कि यह सिलसिला बंद होना चाहिये.
स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा, ''सिर काट देने, जीभ काट देने और नाक काट देने की चाहे कितनी भी घुड़कियां मिलें, स्वामी प्रसाद मौर्य इससे डरने वाले नहीं हैं. हमने पिछड़ों और वंचितों के सम्मान की बात उठायी है. जब तक (श्री रामचरितमानस) की आपत्तिजनक टिप्पणी संशोधित या प्रतिबंधित नहीं होती तब तक यह अभियान चलता रहेगा.'' पूर्व कैबिनेट मंत्री ने कहा, ''हम तो दलितों और पिछड़ों को गाली खाने से रोकने का प्रयास कर रहे हैं तो गाली देने वालों के पेट में दर्द हो रहा है. हम अपमानित किए जाने की व्यवस्था को खत्म करना चाहते हैं तो जो लोग अपमानित करने को अपना धर्म समझते हैं, उनके पेट में दर्द हो रहा है.'' कानून और संविधान में मेरा विश्वास है. मैं शांतिपूर्ण तरीके से अपनी बात कहता चला आ रहा हूं और आगे भी कहता रहूंगा.''
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केवल वोट लेने के लिए हिंदू मानते हैं- मौर्य
मौर्य ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा, ''दलित और पिछड़े लोग जब उसी धर्म के हैं तो स्वाभाविक रूप से बीजेपी की नजर में वे लोग वोट लेने के लिए तो हिंदू हैं, मगर सम्मान देने की बात आने पर वे बेगाने हो जाते हैं. इसका मतलब आप केवल वोट लेने के लिए ही इनको हिंदू मानते हैं. जब सम्मान और स्वाभिमान की बात आती है, अधिकार की बात आती है तो आप उन्हें दुश्मन मान लेते हो. धर्म की आड़ में उन्हें अपमानित करते हो, यह बंद होना चाहिए.'' उन्होंने कहा, ''बड़े नेता हों, छोटे नेता हों, किसी पार्टी या संगठन से जुड़े हुए हों, मेरा अनुरोध तो सबसे है कि इस देश के 97 फीसद आबादी वाले समस्त शूद्र समाज और महिलाओं को सम्मान देने के लिए आगे आएं. अभी तक धर्म के नाम पर जो अपमानित किए जाने की परंपरा चली आ रही है, इस पर तत्काल रोक लगनी चाहिए.''