Lucknow News: सपा एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) ने अब रामचरितमानस की कुछ चौपाइयों में संशोधन की मांग राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से की है. उन्होंने इन दोनों को एक पत्र लिखकर ये मांग की है. स्वामी प्रसाद ने बताया कि रामचरितमानस की उन चौपाइयों को संशोधित या प्रतिबंधित करने की मांग के क्रम में एक पत्र देश के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को भेजा है. उन्होंने कहा कि मुझे भरोसा है कि राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री इस पूरे प्रकरण की गंभीरता को संज्ञान में लेते हुए देश के सभी आदिवासियों, महिलाओं, पिछड़ों, दलितों की बात को सुरक्षित कराने का काम करेंगे.


स्वामी प्रसाद मौर्य ने बताया कि तथाकथित बुद्धिजीवी उनकी मांग को तोड़ मरोड़ कर प्रस्तुत करने का काम करते हैं. हमने रामचरित मानस की चौपाइयों के आपत्तिजनक अंश हटाने की बात की.लेकिन देखा कि बहुत से तथाकथित बुद्धिजीवी इसको आराध्य श्री राम, धर्म, रामचरितमानस से जोड़ते हैं. जबकि इस पर मैंने कभी टिप्पणी नही की और ना कभी टिप्पणी करने का पक्षधर हूं. मैंने पत्र में लिखा है कि किस तरह से इन पंक्तियों से दूसरे लोगों को अपमानित होना पड़ता, प्रताड़ित किया जाता. मैंने इस बात का भी हवाला दिया कि जिस तरह से पीएम मोदी को भी अपमानित होने का दंश झेलना पड़ा था क्योंकि 2014 में उनके साथ अपमानजनक टिप्पणी का जिक्र उन्होंने खुद किया था.


ओपी राजभर को लेकर कही बड़ी बात


सुभासपा अध्यक्ष ओपी राजभर को लेकर स्वामी प्रसाद मौर्य ने चुभने वाली बात कही. उन्होंने कहा कि मेरा 40 साल का इतिहास है, ओपी राजभर 2 दिन से राजनीति में आये हैं. ओपी राजभर ने क्या सोचकर गाजीपुर का नाम बदलने के लिए चिट्ठी लिखी वहीं जाने.अपर्णा यादव के स्वामी को लेकर दिए बयान पर कहा कि वो बीजेपी नेता हैं मेरे लिए और क्या कह सकती हैं. लखनऊ के नाम बदलने की मांग पर स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि बीजेपी सरकार अपनी असफलता पर पर्दा डालने के लिए ऐसा प्रयास कर रही है. बेरोजगारी, महंगाई, जीएसटी लूट, खत्म हो रहे विकास कार्य, राष्ट्रीय संपत्ति बेचने जैसे अपराध से ध्यान हटाने के लिए इस तरह के प्रयास बीजेपी सरकार कर रही है.


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