Swami Rambhadracharya: समाजवादी पार्टी (SP) के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) के हिंदू धर्म को लेकर दिए गए विवादित बयान पर विवाद जारी है. इस बीच स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान को लेकर चित्रकूट (Chitrakoot) में पद्म विभूषण से सम्मानित तुलसी पीठाधीश्वर जगत गुरु रामभद्राचार्य महाराज ने उन पर हमला बोला है. रामभद्राचार्य महाराज ने उन्हें मूर्ख पागल बताया है. उन्होंने कहा है कि स्वामी प्रसाद मौर्य पर मुझे टिप्पणी करना अच्छा नहीं लगता क्योंकि वह पूर्णता मूर्ख पागल और सठियाया हुआ व्यक्तित्व है. वह राजनीति में पराजित है.


रामभद्राचार्य महाराज ने आगे कहा कि ब्राम्हण धर्म, हिंदू धर्म ही सनातन वैदिक धर्म है, यह शास्त्रों से प्रमाणित हो चुका है. सुमेर तंत्र में भी हिंदू शब्द की चर्चा आई है, जहां हिंसा का नाश हो जाता है, जो सदाचरण में तत्पर है, जो गौ ब्राह्मण प्रतिमा का सेवी है, वह हिंदू है, जो हीन भावना का दोषक है, निंदक है, हिंसा जहां नहीं की जाती, ऐसे श्री राम कृष्ण के चरण में निरक्त व्यक्ति हिंदू होता है.


'हमारे यहां कोई दलित था ही नहीं'


महाराज ने कहा कि हिमाचल से लेकर हिंदू सरोवर पर्यंत भारत भूमि में जो भी रहते हैं, वह हिंदू है,  हिंदू धर्म वैदिक है और सनातन है. दलितों की यहां कभी पीड़ा नहीं हुई, दलितों का सम्मान हुआ है. हमारे यहां कोई दलित था ही नहीं, वर्ण थे और अवर्ण, सवर्ण हमारे यहां नहीं थे, यदि रहे होते तो निषाद राज को भगवान श्री राम अपने गले क्यों लगाते? पराजित व्यक्ति टीवी में अपना नाम करने के लिए कुछ न कुछ बोलता रहता है.


स्वामी प्रसाद मौर्य ने क्या कहा था?


बता दें कि स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा था कि ब्राह्मणवाद की जड़ें काफी गहरी हैं और ब्राह्मण धर्म को ही हिंदू धर्म कहा जा रहा है. हिंदू धर्म दरअसल, पिछड़ों, आदिवासियों और दलितों को मकड़जाल में फंसाने की एक साजिश है. हिंदू अगर एक धर्म होता तो वहां दलितों और पिछड़ों का भी सम्मान होता. सारी विषमता का कारण भी ब्राह्मणवाद ही है. हिंदू नाम का कोई धर्म है ही नहीं, हिंदू धर्म केवल धोखा है.


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