स्वतंत्र देव सिंह का दावा- यूपी के सबसे फिसड्डी सांसद हैं अखिलेश यादव, बताई ये वजह
स्वतंत्र देव सिंह ने अखिलेश यादव पर गंभीर आरोप लगाते हुए उन्हें उत्तर प्रदेश का सबसे फिसड्डी सांसद करार दिया. उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव को नहीं भूलना चाहिए कि केंद्र और प्रदेश दोनों ही जगह अब राम भक्तों की सरकार है.
लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने मंगलवार को समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव पर गंभीर आरोप लगाते हुए उन्हें उत्तर प्रदेश का सबसे फिसड्डी सांसद करार दिया. सिंह ने ट्वीट कर सपा प्रमुख पर निशाना साधा.
स्वतंत्र देव सिंह ने सवाल किया, ''लोकसभा में उत्तर प्रदेश के कौन से सांसद का प्रदर्शन सबसे निराशाजनक रहा है.'' सिंह ने अपने प्रश्न का खुद ही उत्तर लिखा... ''36 प्रतिशत उपस्थिति और शून्य प्रश्नों के साथ अखिलेश यादव जी उत्तर प्रदेश के सबसे फिसड्डी सांसद रहे हैं.''
केंद्र और प्रदेश में राम भक्तों की सरकार- स्वतंत्र देव सिंह
बाद में बीजेपी मुख्यालय द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, सिंह ने कहा कि जिनकी राजनीति, कामकाज और कार्यशैली ही भ्रष्टाचार की रही है, जिन्होंने अपनी सरकार में खुले तौर पर स्वयं को रामद्रोही साबित किया है वे भगवान राम व उनके नाम पर हो रहे काम पर 'ट्रस्ट' (विश्वास) कैसे कर सकते हैं? बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने सपा मुखिया यादव के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ''आज वे लोग आस्था और निष्ठा की बातें कर रहे हैं, जिन्होंने रामभक्तों पर गोलियां चलवाईं और जो तुष्टिकरण व वोटबैंक के डर से रामनगरी अयोध्या जाना तो दूर उसका नाम अपनी जुबान पर लाने से डरते थे. ऐसे लोग विश्व भर के करोड़ों रामभक्तों के आस्था के प्रतीक श्रीराम मंदिर के निर्माण में बाधा उत्पन्न करने का प्रयास नहीं करें, ऐसा कैसे संभव है.''
स्वतंत्र देव सिंह ने कहा, ''हास्यास्पद यह भी है कि कांग्रेस के युवराज (राहुल गांधी) के आज बोल फूट रहे हैं जबकि केंद्र में जब उनकी सरकार थी तो उनके मंत्री सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दे रहे थे कि मंदिर ना बने. वे भगवान राम के अस्तित्व के सबूत मांगते थे, लेकिन अखिलेश जी हों या राहुल जी उनको नहीं भूलना चाहिए कि केंद्र और प्रदेश दोनों ही जगह अब राम भक्तों की सरकार है और भगवान राम के काज में कोई बाधा नहीं आएगी.''
समाजवादी पार्टी 350 से ज्यादा सीटें जीतेगी- सपा प्रमुख
सपा प्रमुख आजमगढ़ संसदीय क्षेत्र का लोकसभा में प्रतिनिधित्व करते हैं. उन्होंने बीजेपी नीत राज्य सरकार पर तीखा प्रहार करते हुए दावा किया कि 2022 में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी 350 से ज्यादा सीटें जीतकर बहुमत की सरकार बनाएगी. उन्होंने यह भी कहा, ''अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट में भूमि खरीद के मामलों में भारी घोटाला होने की खबर है, करोड़ों रुपयों की हेराफेरी का मामला बताया जा रहा है, इसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए. ट्रस्ट के सभी सदस्यों को इस्तीफा देना चाहिए. अयोध्या के धर्मपुर गांव में किसानों की भूमि हवाई अड्डे के लिए अधिग्रहित की जा रही है. किसानों को समुचित दर पर मुआवजा मिलना चाहिए.''
गौरतलब है कि बहुजन समाज पार्टी (बसपा) से हाल के महीनों में निलंबित कम से कम पांच विधायकों ने मंगलवार को यादव से मुलाकात की और सपा में शामिल होने के संकेत दिए. जौनपुर के मुंगरा बादशाहपुर से विधायक सुषमा पटेल ने कहा, ''सपा प्रमुख अखिलेश यादव के साथ 15-20 मिनट तक चली बैठक में आगामी विधानसभा चुनावों पर चर्चा हुई और मुलाकात अच्छी रही.'' उनके अगले कदम के बारे में पूछे जाने पर पटेल ने कहा, "व्यक्तिगत रूप से, मैंने समाजवादी पार्टी में शामिल होने का मन बना लिया है."
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