संयुक्त राष्ट्र, एजेंसी। कश्मीर मुद्दे पर सुरक्षा परिषद की बंद कमरे में हुई बैठक के बाद संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने मीडिया को संबोधित किया और प्रतीकात्मक सद्भाव दिखाते हुए पाकिस्तानी पत्रकारों से हाथ मिलाकर उनकी तरफ “दोस्ती का हाथ” बढ़ाया।


सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य चीन के आग्रह पर शुक्रवार को हुई यह अनौपचारिक बैठक करीब घंटे भर चली जिसके बाद संयुक्त राष्ट्र में चीन के राजदूत झांग जुन और पाकिस्तान की राजदूत मलीहा लोधी ने सुरक्षा परिषद के स्टेकआउट में एक-एक कर मीडिया को संबोधित किया। दोनों संवाददाताओं के एक भी सवाल का जवाब दिए बिना वहां से निकल गए।


चीन और पाकिस्तान की टिप्पणी के बाद अकबरुद्दीन कश्मीर और अनुच्छेद 370 पर भारत की स्थिति पर बयान देने के लिए सुरक्षा परिषद के स्टेकआउट पर आए।


चीनी और पाकिस्तानी दूतों से उलट वह अपनी टिप्पणी के बाद वहीं मौजूद रहे और संयुक्त राष्ट्र संवाददाताओं की सभा से कहा कि वह उनके सवाल लेंगे। अकबरुद्दीन ने कहा, “अगर आप में से कोई भी सवाल पूछना चाहता है तो मैं तैयार हूं। मैं उसका जवाब दूंगा।” उन्होंने कहा कि वह पांच सवालों के जवाब देंगे, “यहां आने वाले मेरे पूर्ववर्तियों से पांच गुना ज्यादा।”


उन्होंने पहले तीन प्रश्न पाकिस्तानी पत्रकारों की तरफ से लिए।


जब एक पाकिस्तानी पत्रकार ने पूछा कि क्या भारत पाकिस्तान से बात करने पर सहमत है तो अकबरुद्दीन ने कहा, “कुछ सामान्य कूटनीतिक तरीके होते हैं जब देश एक-दूसरे से संपर्क करते हैं। यही तरीका है। लेकिन सामान्य राष्ट्र प्रगति और अपने लक्ष्यों को पाने के लिए आतंकवाद के इस्तेमाल का रास्ता नहीं अपनाते। जब तक आतंकवाद रहेगा कोई भी लोकतंत्र वार्ता स्वीकार नहीं करेगा। आतंकवाद रोकिए, बातचीत शुरू करिए।”