UP News: उत्तर प्रदेश चुनावों को लेकर तमाम सियासी दल लगातार वोटर्स के बीच जाकर संवाद कायम कर रहे हैं. लंबे वक्त से बुरे हालात से गुजर रही कांग्रेस में नई जान फूंकने के लिए प्रियंका गांधी भी यूपी के तमाम इलाकों में लगातार संवाद कर रही हैं. लेकिन कांग्रेस को सिर्फ सियासी महकमे में ही मुश्किलों का सामना नहीं करना पड़ रहा है बल्कि स्थानीय स्तर पर कई और मुश्किलें भी पार्टी को परेशान कर रही हैं. ऐसा ही मामला तब आया जब गोरखपुर में कांग्रेस कार्यालय के किराए को लेकर मकान मालिक और पार्टी के बीच विवाद शुरू हुआ. दरअसल कांग्रेस दफ्तर के तौर पर इस्तेमाल किए जा रहे घर का किराया तीन लाख नब्बे हजार रुपये तक बकाया है. अब मकान मालिक ने कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू और जिला अध्यक्ष निर्मला पासवान के खिलाफ पुलिस को शिकायत दी है.
‘कांग्रेस दफ्तर का 3.9 लाख रुपये किराया बकाया’
दरअसल ट्रांसपोर्टनगर इलाके में 2019 लोकसभा चुनाव से पहले इस जगह पर कांग्रेस का दफ्तर शुरू किया गया था. कांग्रेस के गोरखपुर सदर से प्रत्याशी रहे मधुसूदन त्रिपाठी ने इस इमारत में एक अस्थायी चुनाव कार्यालय खोला था. बाद में इसे 15 हजार रुपए मासिक के किराए पर कांग्रेस कार्यालय के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा था. वहीं अब इस कॉम्पलेक्स के मालिक का आऱोप हैं कि उस वक्त किसी तरह का कोई एग्रीमेंट तैयार नहीं कराया गया था और सभी चीजें मौखिक आधार पर ही तय हुई थीं. लेकिन उसके बाद पार्टी की तरफ से किसी तरह का कोई किराया नहीं चुकाया गया. वहीं 31 अक्टूबर को प्रियंका गांधी की रैली से ठीक पहले मकान मालिक राजमन राय ने किराए के लिए दबाव बनाया तो कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष विश्वविजय सिंह ने कुछ किराया देने का भरोसा दिया था लेकिन वो भी नहीं दिया गया.
प्रियंका गांधी की रैली से पहले शुरू हुआ था विवाद
वहीं प्रियंका गांधी की रैली के बाद भी जब मकान मालिक को कांग्रेसियों की तरफ बकाया नहीं चुकाया गया तो अब पीड़ित ने राजघाट थाने में कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष अजय कुमार लल्लू और जिलाध्यक्ष निर्मला पासवान के खिलाफ तहरीर दी है. राजमन राय का कहना है कि साल 2019 से बकाया किराया 3.90 लाख रुपए हो चुका है. अब कांग्रेस के दफ्तर पर अपना ताला भी लगा दिया है. हालांकि राजमन के बेटे भी कांग्रेस में हैं और कुछ आरोप हैं कि प्रियंका गांधी की रैली के दौरान मंच पर जगह ना मिलने की वजह से उन्होंने इस विवाद को तूल दिया है. हालांकि राजमन ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया.
कांग्रेस की सफाई- झूठे हैं आरोप
दूसरी तरफ कांग्रेस की जिलाध्यक्ष निर्मला पासवान ने पूरे मामले में सफाई देते हुए कहा कि ना सभी आरोप गलत हैं और कोई एग्रीमेंट नहीं हुआ था और ना ही किराए की बात तय हुई थी. उन्होंने कहा कि वो कांग्रेसी थे तो उसके नाते ही उन्होंने उस जगह को दफ्तर की तरह इस्तेमाल करने को कहा था. वहीं उन्होंने राजमन के खिलाफ मानहानि केस करने की बात भी कही.
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