आगरा, नितिन उपाध्याय: आगरा में ताजमहल और आगरा किले को छोड़कर सभी स्मारक एक सितंबर से खुलेंगे. स्मारक खुलने के बाद सबसे बड़ा बदलाव ये होगा कि उनमें एक दिन में निश्चित संख्या में ही पर्यटकों को प्रवेश दिया जाएगा. एएसआइ ने कोरोना काल में स्मारकों को खोलने के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) के साथ-साथ एक दिन में पर्यटकों की अधिकतम संख्या तय की है.


गुलजार होंगे स्मारक
ताजमहल जब खुलेगा तो शुक्रवार की साप्ताहिक और 55 घंटे की बंदी लागू रहने की वजह से चार दिन ही खुल सकेगा. चार दिन में 20 हजार पर्यटक ही ताज का दीदार कर सकेंगे. कोरोना काल से पहले इससे अधिक पर्यटक रोजाना ताज का दीदार करते थे. इस स्थिति में पर्यटकों को ताज देखने के लिए इंतजार करना पड़ेगा, जिससे यहां रात्रि प्रवास बढ़ेगा. इस स्थिति में आगरा के जिन स्मारकों में अधिक पर्यटक नहीं पहुंचते, वो गुलजार हो जाएंगे.


इतनी तय है क्षमता
एएसआइ ने सुबह और दोपहर के स्लॉट में स्मारकों में कैरिंग कैपेसिटी लागू की है. ये ताजमहल के लिए पांच हजार (2500-2500), आगरा किला के लिए 2500 (1200-1300) और अन्य स्मारकों के लिए 2000 (1000-1000) प्रतिदिन तय की गई है. इस सीमा से अधिक पर्यटक स्मारक में प्रवेश नहीं पा सकेंगे. हालांकि, कैरिंग कैपेसिटी ताजमहल और किले पर तब लागू होगी जब इनको खोलने का प्रशासन फैसला लेगा.


नीरी ने 2015 में की थी सिफारिश
ताजमहल के पत्थरों के सैलानियों के कदमों तले घिसने, स्मारक की मजबूती और सूखती यमुना पर वर्षों से सवाल उठने पर सुप्रीम कोर्ट के आजेश पर वर्ष 2015 में एएसआइ ने नेशनल इन्वायरमेंटल इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (नीरी) से अध्ययन कराया था. नीरी ने अपनी रिपोर्ट में ताज में एक घंटे में अधिकतम 6 हजार सैलानियों को प्रवेश देने, स्मारक में पर्यटकों की संख्या 9 हजार से अधिक नहीं होने देने, पर्यटकों को डेढ़ घंटे से अधिक रुकने की अनुमति नहीं होने और स्टेप टिकटिंग के सुझाव दिए थे.


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