आगरा, एबीपी गंगा।  आगरा में ताजमहल भी प्रदूषण की मार झेल रहा है, जो ताजमहल कई किलोमीटर दूर से साफ नजर आता है, आज कुछ मीटर की दूरी पर भी साफ नजर नहीं आ रहा है। जबकि ये अपनी खूबसूरती के लिए दुनिया में मशहूर है। दिवाली पर आतिशबाजी और कूड़ा जलाने से निकले जहरीले धुएं ने दम फुला दिया। शहर में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने दिवाली से पहले और दिवाली की रात वायु प्रदूषण तथा ध्वनि प्रदूषण की जांच कराई, जिसमें पाया गया कि आम दिनों के मुकाबले दिवाली पर प्रदूषण स्तर में बढ़ोतरी दर्ज की गई।

ताजमहल और यमुना पार नुनिहाई में की गई सैंपलिंग में छोटी दिवाली पर दो गुना तक प्रदूषण रिकॉर्ड किया गया। पर्टिकुलेट मैटर 10 और 2.5 माइक्रोग्राम की मात्रा में ज्यादा इजाफा दर्ज किया गया। वायु प्रदूषण के साथ ही ध्वनि प्रदूषण भी आम दिनों से दो गुना हो गया। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने दिवाली से एक सप्ताह पहले ताजमहल और नुनिहाई स्टेशन पर वायु प्रदूषण की मॉनीटरिंग शुरू करा दी थी। इस पूरे सप्ताह दिवाली की रात ही सबसे ज्यादा पर्टिकुलेट मैटर मापे गए।




दीवाली गुजर जाने के बाद भी ताजनगरी की आबोहवा इस कदर बिगड़ी हुई है कि स्मॉग ने शहर को अपने आगोश में ले रखा है। ताजमहल के पीछे यमुना नदी के किनारे ग्यारह सीढी मैदान में रोजाना मॉर्निंग वॉक के लिए आये लोगों का कहना है कि वाकई में हवा में ताज़गी गायब है और यही वजह है प्रदूषण की धुंध ने ताजमहल को अपने आगोश में ले रखा है।


एयर एक्शन प्लान हो चुका है लांच


आगरा में ताजमहल की वजह से प्रदूषण हमेशा से काफी संवेदनशील मुद्दा रहा है, ऐसे में आगरा में वायु गुणवत्ता सुधार को लेकर एयर एक्शन प्लान लांच भी किया जा चुका है। नेशनल क्लीन एयर प्लान के अनुसार यहां वर्ष 2024 तक पीएम 2.5 के स्तर में 25 फीसद की कमी की जानी है। पीएम 2.5 यहां मानक के दो से तीन गुने के बीच रहता है। आगरा देश के उन 102 शहरों में शामिल है, जिनमें वायु गुणवत्ता सुधार को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने आदेश किया है।