Taj Mahal News: ताजमहल के 22 कमरों को खुलवाने की याचिका खारिज, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा- हम आश्वस्त नहीं
Taj Maha News: ताजमहल के 22 कमरों को खुलवाने की याचिका खारिज करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि हम आश्वस्त नहीं हैं.
Taj Mahal Latest News: इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने उत्तर प्रदेश स्थित आगरा में ताजमहल के 22 कमरों को खुलवाने की याचिका को खारिज कर दिया है. अदालत ने कहा "हमने पाया कि याचिका में नियम 226 के तहत ताजमहल के इतिहास के संबंध में अध्य्यन की मांग की गई है. इसके अलावा ताजमहल के अंदर बंद दरवाजों को खोलने की मांग की गई है."
हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में जस्टिस डीके उपाध्याय और सुभाष विद्यार्थी की बेंच ने कहा "हमारी राय है कि याचिकाकर्ता ने पूरी तरह से गैर-न्यायसंगत मुद्दे पर फैसला देने की मांग की है." कोर्ट ने कहा "इस अदालत द्वारा इन याचिकाओं पर फैसला नहीं किया जा सकता है."
आर्टिकल 19 के तहत हुए फैसले वकील ने किए पेश
अदालत ने कहा- "जहां तक ताजमहल के कमरे खोलने की मांग है, हमारा मानना है कि इसमें एक नियमित प्रक्रिया के तहत ऐतिहासिक शोध हो सकता है. हम इस रिट पिटिशन को स्वीकार नहीं कर सकते हैं."
इससे पहले अदालत ने याचिकाकर्ता रजनीश सिंह के वकील से अदालत का वह फैसला मांगा जिसका जिक्र उन्होंने लंच से पहले हुई सुनवाई के दौरान किया था. इसके बाद याचिकाकर्ता ने आर्टिकल 19 के तहत हुए कुछ फैसले अदालत में पेश किए. इसके बाद कोर्ट ने कहा "आप चाहते हैं कि इस पर कमेटी बनाई जाए. यह आपका कोई अधिकार नहीं है और यह आरटीआई अधिनियम के दायरे में भी नहीं है." अदालत ने कहा कि हम आश्वस्त नहीं हैं.
बीजेपी नेता ने दायर की थी याचिका
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की अयोध्या इकाई के मीडिया प्रभारी रजनीश सिंह के वकीलों राम प्रकाश शुक्ला और रुद्र विक्रम सिंह के माध्यम से दायर याचिका में इतिहास को स्पष्ट करने के लिए ताजमहल के 22 बंद कमरों को भी खोलने का अनुरोध किया गया था.
याचिका में 1951 और 1958 में बने उन कानूनों को संविधान के प्रावधानों के विरुद्ध घोषित करने का अनुरोध किया गया है, जिनके तहत ताजमहल, फतेहपुर सीकरी का किला और आगरा के लाल किले आदि इमारतों को ऐतिहासिक इमारत घोषित किया गया था.
इसमें केंद्र सरकार, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) तथा राज्य सरकार को पक्षकार बनाया गया है. याचिका में उन मान्यताओं का जिक्र किया गया है जिसमें ताजमहल के इन्हीं बंद दरवाजों के भीतर भगवान शिव का मंदिर होने का दावा किया जाता है. याचिका में अयोध्या के जगद्गुरु परमहंस के वहां जाने और उनके भगवा वस्त्रों के कारण उन्हें रोके जाने संबंधी हालिया विवाद का भी जिक्र किया गया है.
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