दुनिया के सभी अजूबों में से सबसे खूबसूरत अजूबा ताजमहल है. उत्तर प्रदेश के आगरा में स्थित ताजमहल मुगल राजवंश की एक उत्कृष्ट इमारतों में से एक है. ताजमहल को प्यार का प्रतीक माना जाता है. मुगल सम्राट शाहजहां ने अपनी बेगम मुमताज महल की मकबरे के लिए इसे बनवाया था. यह 42 एकड़ परिसर में फैला हुआ है.


ताजमहल 1632 में बनना शुरू हुआ और 1648 तक बनकर तैयार हो गया. ताजमहल के वास्तुकार उस्ताद अहमद लाहौरी थे. साल 1983 में यूनेस्को ने ताजमहल को विश्व विरासत स्थल का दर्जा दिया. ताजमहल का दीदार करने हर साल तकरीबन 80 लाख लोग आगरा आते हैं. आज हम आपको ताजमहल से जुड़ी कुछ रोचक तथ्य बताने जा रहे हैं. 


1.प्यार का प्रतीक


ताजमहल को अक्सर 'महलों का ताज' कहा जाता है. इसे सभी महलों में सबसे खूबसूरत माना गया है. ताजमहल प्यार का प्रतीक है. इसे बादशाह शाहजहां ने अपनी प्यारी पत्नी मुमताज महल की याद में बनवाया था. मुमताज की मौत साल 1631 में 14वें बच्चें को जन्म देते समय हो हुई थी.


2.नटवरलाल ने बेच दिया था ताजमहल


बिहार के सिवान जिले के रहने वाला नटवरलाल यानी मिथिलेश कुमार ने ताजमहल को तीन बार बेच चुका है. इसके अलावा नटवरलाल ने कई दफा लालकिला और राष्ट्रपति भवन को भी बेच दिया था. ठग नटवरलाल कभी पेशे से वकील हुआ करता था. नटवरलाल ने पहली चोरी बैंक से की थी उसने अपने पड़ोसी के नकली हस्ताक्षर बनाकर बैंक से 1000 रुपये निकाल लिए थे. 


3.यमुना नदी के किनारे बना हुआ है ताजमहल


ऐसा माना जाता है कि अगर ताजमहल यमुना नदीं के किनारे नहीं बना होता तो यह बहुत ही पहले नष्ट हो जाता क्योंकि ताजमहल की नींव लकड़ी से बनी है, जिसे यमुना नदी का पानी नम और मजबूत बनाए हुए है. 


4.कई शैलियों का मिश्रण है ताजमहल


ताजमहल की वास्तुकला भारतीय, इस्लामी और फारसी शैलियों को दर्शाती है. इसके वास्तुकार उस्ताद अहमद लाहौरी फारसी थे. इस स्मारक को बनाने में तकरीबन 32 मिलियन की लागत आई थी. वर्तमान में इसकी कीमत 52.8 बिलियन रुपये है. ताजमहल को बनाने के लिए मकराना, राजस्थान पंजाब और चीन से सफेद संगमरमर मंगवाया गया था. इस्तेमाल किए गए पत्थरों में तिब्बत से फिरोजा, अफगानिस्तान से लिपीस लाजुली, श्रीलंका से नीलम और अरब से कारेलियन शामिल थे. ताजमहल में 28 प्रकार के कीमती और अर्ध कीमती संगमरमर से बना हुआ है.


5.20,000 श्रमिकों ने मिलकर बनाया है ताजमहल


ताजमहल के निर्माण के लिए भारत, फारस, तुर्क साम्राज्य और यूरोप के लगभग 20,000 श्रमिकों को काम पर रखा गया था. वहीं 1000 हाथियों का उपयोग सामान लाने और ले जाने के लिए किया जाता था.  


जैसे-जैसे दिन चढ़ता है इसका रंग ग्रे और पीले और चमकदार सफेद रंग में बदल जाता है. ऐसा कहा जाता है कि ताजमहल का बदलता रंग मुमताज के बदलते मिजाज को दर्शाता है.


6. 42 एकड़ में फैला हुआ है ताजमहल


ताजमहल 42 एकड़ में फैला हुआ है. मुख्य गुंबद की ऊंचाई 240 फीट है और 4 मीनारों की ऊंचाई 130 फीट है. यह करीब 20 मंजिला इमारत इतनी ऊंची है. ऐसा कहा जाता है कि ताजमहल के निर्माण के बाद फिर से इस तरह की इमारत का निर्माण न हो पाए इसके लिए शाहजहां ने श्रमिकों के हाथ कटवा दिए थे.  मकबरे के चारों और अल्लाह के 99 नाम लिखे हैं.



7. खुद के लिए अलग मकबरा बनवाना चाहता था शाहजहां


ताजमहल को मुमताज महल के लिए बनवाया गया था. यहीं पर शाहजहां का भी मकबरा है. बड़ा वाला मकबरा राजा का है जबकि छोटा वाला रानी का मकबरा है, मकबरे के चारों ओर, अल्लाह के 99 नाम सुलेख रूप से अंकित हैं.


शाहजहां अपने दफनाने के लिए एक अलग मकबरा बनवाना चाहता था, काला ताजमहल. हालांकि वह वह अपनी इच्छा पूरी नहीं कर सका और अंत में उसे उसकी पत्नी मुमताज महल की कब्र के पास ताजमहल में ही दफना दिया गया. 


8.ताजमहल की कीमती पत्थरें गायब  
 
ताजमहल को इस तरह बनाया गया था कि इसमार की नींव  को अपनी ताकत बनाए रखने के लिए यमुना नदी से नमी की एक निरंतर धारा की जरूरत थी लेकिन यमुना नदी के धीरे-धीरे सूखने के कारण यह एक चिंता का विषय बन चुका है. 



9. ताजमहल के कीमती पत्थर हैं गायब


स्मारक के कई कीमती पत्थर गायब हैं ऐसा माना जाता है कि साल 1857 की क्रांति के दौरान अंग्रेजों ने ताजमहल में लगे कई कीमती पत्थरों को निकाल लिया था.


10. बाहर की तरफ झुके हैं स्तंभ


130 फीट ऊंचाई के 4 स्तंभ ताजमहल के मुख्य गुंबद को घेरे हुए हैं. ये सतह से 90 डिग्री नहीं खड़े हैं बल्कि बाहर की तरफ झुके हुए हैं, ताकि जब भूकंप आए, तो वे कब्र से दूर गिरे.


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