Agra News: उत्तर प्रदेश के आगरा में मुगल बादशाह का तीन दिवसीय उर्स आने वाला है. जिसको लेकर तैयारियां शुरू हो गई है. शाहजहां मुमताज का ताजमहल पर प्रति वर्ष सालाना उर्स का आयोजन किया जाता है. ताजमहल का यह 369वां उर्स है जिसको लेकर ताजमहल से जुड़ी कमेटी तैयारी में जुटी हुई है. मोहब्बत की निशानी कहे जाने वाली इमारत ताजमहल का सालाना उर्स 6, 7 और 8 फरवरी को आयोजित किया जाएगा. जिसमें सबसे बड़ा आकर्षण का केंद्र हिंदुस्तानी सतरंगी चादर रहती है. आयोजन कमेटी की मानें तो यह चादर दुनिया की सबसे बड़ी चादर होती है.


इस वर्ष ताजमहल पर चढ़ने वाली चादर की लंबाई 1560 मीटर यानी 5148 फीट होगी. हिंदुस्तानी सतरंगी चादर में सभी धर्म , सभी वर्गों  और सभी जातियों का कपड़ा सम्मिलित किया जाता है , यानी हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई सभी धर्म के कपड़े से चादर को बनाया जाता है. लोग स्वेक्षा से चादर के लिए कपड़ा दे कर जाते हैं और सभी धर्मों से आने वाले कपड़े को एक साथ जोड़कर हिंदुस्तानी सतरंगी चादर को बनाया जाता है और उर्स के मौके पर सबसे बड़ी चादर को ताजमहल पर चढ़ाया जाता है.

दुनिया की सबसे बड़ी चादर चढ़ेगी
ताजमहल के उर्स के मौके पर शाहजहां और मुमताज की असली कब्र का रास्ता खोला जाता है. ताजमहल पर घुसल की रस्में, संदल की रस्में, कव्वाली और चादरपोशी शामिल है. ताजमहल के उर्स के अंतिम दिन दुनिया की सबसे बड़ी चादर को ताजमहल पर चढ़ाया जाएगा जिसकी लंबाई 1560 मीटर है, सैकड़ो लोग हाथों ही हाथों में लेकर चादर को ताजमहल के अंदर तक लेकर जाएंगे. खुद्दार रोजा ताजमहल उर्स कमेटी के अध्यक्ष हाजी ताहिर उद्दीन ताहिर ने बताया कि उर्स के मौके पर शाहजहां मुमताज के कमरे का रास्ता खोला जाता है, जहां तक लोग पहुंच पाते हैं,ताजमहल पर हिंदुस्तानी सतरंगी चादर को चढ़ाया जाएगा जिसमें सभी धर्म का कपड़ा शामिल है, हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई सभी एक साथ शामिल होकर सबसे बड़ी चादर को ताजमहल चढ़ाएंगे. इसको लेकर चादर को तैयार कराया जा रहा है, देश के सभी धर्मों और वर्गों का कपड़ा शामिल है.


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