शनि देव का नाम सुनते ही कई लोगों के मन में डर व्याप्त हो जाता है। शनि की टेढ़ी नजर को बुरा माना जाता है और लोग इससे बचने के हर संभव प्रयास भी करते हैं। शनि की अशुभ छाया से आर्थिक, मानसिक और शारीरिक परेशानियां भी सामने आती हैं। लेकिन शनि को लेकर डर व्यर्थ है क्योंकि इन्हें न्याय का देवता माना जाता है और ये कर्मों के अनुसार ही फल देते हैं।


शनि की राशि 24 जनवरी को बदल रही है। यह धनु से मकर राशि में प्रवेश करेंगे। शनि जब-जब राशि बदलते हैं तो कुछ राशियों पर इसका प्रभाव भी पड़ता है। बता दें कि 24 जनवरी हो रहे शनि के राशि परिवर्तन से कुंभ राशि पर साढ़े साती शुरू हो रही है। वहीं, वृश्चिक राशि पर चल रही साढ़े साती खत्म होगी। इसके अलावा वृष और कन्या राशि पर शनि की ढय्या खत्म होगी और मिथुन-तुला राशि पर शनि का ढय्या शुरू हो जाएगी।



शनि की अशुभ छाया पड़ने के कई कारण हो सकते हैं। शनि की अशुभ छाया और शनि के राशि परिवर्तन का संबंध है लेकिन इसके अलावा भी तमाम कारण हो सकते हैं जिसकी वजह से लोग शनि के फेर में पड़ सकते हैं। तो चलिए आपको भी उन कारणों के बारे में बताते हैं जिसकी वजह से अब पर भी शनि की अशुभ छाया पड़ सकती है।



शनि देव की पूजा करते समय कभी भी उन्हें लाल चीजें न चढ़ाएं। जैसे लाल कपड़ा, लाल फूल और फल। लाल रंग का संबंध मंगल ग्रह से होता है और मंगल शनि के शत्रु हैं। इस गलती की वजह से भी आप पर शनि भारी हो सकता है। शनि को प्रसन्न करने के लिए काले और नीले रंग की चीजें ही चढ़ाएं।



कभी भी शनि देव की प्रतिमा के सामने उनकी आंखों में आंखे डालकर दर्शन नहीं करना चाहिए। मान्यता है कि शनि की नजर जिस किसी पर पड़ती है उसका अनिष्ट होना शुरू हो जाता है।



माना जाता है कि शनि अपने पिता सूर्य से बैर रखते हैं। शनि के इस व्यवहार के पीछे कथा छिपी हुई है। इसलिए शनि की पूजा में कभी भी तांबे के बर्तनों का उपयोग नहीं करना चाहिए। दरअसल, तांबा सूर्य की धातु मानी गई है।



शनि देव की पूजा करते समय दिशा का विशेष ध्यान रखें। शनि देव पश्चिम दिशा के स्वामी माने गए हैं ऐसे में इनकी पूजा करते समय आपका मुंह पश्चिम दिशा में होना चाहिए। ऐसा न करने से भी शनि की अशुभ छाया आप पर पड़ सकती है।




शनिदेव की पूजा में लोहे के बर्तनों का ही इस्तेमाल करना चाहिए। लोहे के बर्तन के अलावा मिट्टी के दीपक में तेल डालकर शनि देव को अर्पित करना चाहिए, इससे लाभ होगा।



शनि की पूजा करते समय साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए। गंदे कपड़े पहनकर पूजा करने से भी शनि की अशुभ छाया पड़ सकती है।



शनिदेव को न्यायाधीश और कर्मदाता का दर्जा मिला हुआ है। जो लोग गरीबों और असहायों को पीड़ा पहुंचाते हैं शनि की अशुभ छाया उन पर शुरू हो जाती है।