रायबरेली: जहां एक तरफ ऑक्सीजन ना मिलने से चारों ओर त्राहि-त्राहि मची हुई थी. बिना ऑक्सीजन के लोग दम तोड़ रहे थे, वहीं दूसरी तरफ जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव के अथक प्रयास पर शासन ने रायबरेली को तीन मीट्रिक टन लिक्विड ऑक्सीजन मुहैया कराकर थोड़ी राहत दी है. एआरटीओ प्रशासन व खाकी  के साए में देर रात लिक्विड ऑक्सीजन से भरा टैंकर गंगागंज स्थित ऑक्सीजन प्लांट पर पहुंचा. जिसके बाद प्लांट के मालिक ने तीन से चार दिन के बैकअप का दावा किया. 


3 मीट्रिक टन लिक्विड ऑक्सीजन रायबरेली पहुंची


रायबरेली के जिला अस्पताल व एल 2 अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी के चलते लोग दम तोड़ रहे थे. लेकिन सोमवार की देर रात लिक्विड ऑक्सीजन से भरा टैंकर रायबरेली पहुंचा और गंगागंज स्थित गजबदन ऑक्सीजन प्लांट पर अनलोड हुआ. 3 मीट्रिक टन लिक्विड ऑक्सीजन से 300 बड़े या फिर 700 छोटे सिलेंडर ऑक्सीजन से भरे जा सकते हैं. जो रायबरेली में खपत के अनुसार तीन से चार दिन का बैकअप माना जा रहा है. एआरटीओ प्रशासन आर पी सरोज व रायबरेली पुलिस के साए में लिक्विड ऑक्सीजन से भरा टैंकर प्लांट तक पहुंचाया गया.


बड़ी राहत


टैंकर पहुंचने से रायबरेली में लोगों को काफी राहत मिली. जिस तरह से मरीज और तीमारदार ऑक्सीजन को लेकर परेशान थे और अवसाद से जीवन लीला समाप्त हो रही थी. उससे अब निजात मिलती दिख रही है. इतना ही नहीं जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव के अथक प्रयास से शासन ने अन्य ऑक्सीजन प्लांटों से सिलेंडर रिफिल कर रायबरेली भेजने की कवायद शुरू कर दी है. जल्द ही ऑक्सीजन से भरे अन्य सिलेंडरों का खेप भी रायबरेली पहुंचेगी. जो कोरोना से पीड़ित मरीजों के लिए जीवनदायी साबित होगा. इससे रायबरेली में ऑक्सीजन की कमी के कारण हो रही मौतों पर चीख पुकार व हो हल्ला भी बंद हो जाएगा. 


फिलहाल जिला प्रशासन के इस सार्थक प्रयास पर रायबरेली वासियों के चेहरे पर थोड़ी खुशी देखी जा सकती है. इतना ही नहीं ऑक्सीजन सिलेंडर की मारामारी व ओवररेटिंग पर भी अब शिकंजा कसेगा.


एआरटीओ प्रशासन ने बताया कि, तीन मीट्रिक टन लिक्विड ऑक्सीजन यहां प्लांट पर पहुंचा है. जिससे ऑक्सीजन बनाने का काम शुरू हो चुका है. ऑक्सीजन के कारण हो रही मौतों पर अब लगाम लग जाएगा. ऑक्सीजन के खाली सिलेंडर महोबा हमीरपुर भेजा गया है. जल्द ही वे सिलेंडर भी रिफिल होकर आ जाएंगे. इससे अब किसी भी प्रकार की कोई समस्या नहीं होगी.


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