अयोध्या, एबीपी गंगा। प्रख्यात समालोचक तारिक फतेह बुधवार को राम की नगरी अयोध्या पहुंचे। यहां तारिक फतेह ने हनुमानगढ़ी और राम जन्मभूमि में दर्शन पूजन किया और संतों से मुलाकात की। इस दौरान तारिक फतेह ने कहा कि मुस्लिम महिलाएं एनआरसी और सीएए का विरोध नहीं कर रही हैं उनके पतियों ने उन्हें विरोध में बैठाया है। तारिक ने कहा कि मुस्लिम पति पहले अपनी बीवियों को बुर्के से बाहर करें। उनसे पाबंदी हटाएं।
तारिक फतेह ने कहा कि एनआरसी का विरोध मुस्लिम समाज के मन में असुरक्षा की भावना है। मुस्लिमों के दिमाग में है कि हमारी आबादी अगर अधिक हो जाएगी तो हम भारतीय पॉलिसी का सामना कर पाएंगे। बांग्लादेश से भारत आने वाले हिंदुओं से उनकी जनसंख्या कम हो जाएगी। हिंदू बढ़ जाएंगे तो हमारा क्या होगा? तारिक फतेह ने कहा कि यह उनका फितूर है। मुस्लिम समाज के लोग अभी भी पार्टीशन के दौर में नहीं निकले हैं वरना एनआरसी का विरोध मुस्लिम यूनिवर्सिटी से न शुरू होता।
फतेह ने कहा कि यूनिवर्सिटी में धर्म का क्या काम। यह समझ से बाहर है। ताहिर फतेह ने कहा कि यूनिवर्सिटी में मुस्लिमों का 50 परसेंट रिजर्वेशन है। उन्होंने पूछा कि आप की आबादी 13 परसेंट है। तारिक फतेह ने मांग की कि मुस्लिम यूनिवर्सिटी बंद की जाए। पहले यूनिवर्सिटी से जिन्ना की तस्वीर उतारी जाए, तब माना जाएगा कि आप देश के लिए बात कर रहे हैं। आप जिन्ना की तस्वीर उतारने नहीं देते।
तारिक ने कहा कि कि आर्टिकल 14 संविधान की लड़ाई है झूठ क्यों बोल रहे हो? उन्होंने कहा कि एनआरसी का विरोध दरअसल मुस्लिमों द्वारा भारतीय संविधान का रिजक्शन है। वहीं, कांग्रेस के ऊपर हमलावर होते हुए तारिक ने कहा कि कांग्रेस के नेता गुलाम नबी आजाद आगे आकर सीएए के विरोध में इलेक्शन करें। इलेक्शन में तय हो जाएगा अगर व जीत जाते हैं तो सीएए को हटा दें।
वहीं, राम मंदिर निर्माण पर बनाए जाने वाले ट्रस्ट पर तारिक फतेह ने कहा कि जिन लोगों ने राम मंदिर निर्माण पर लड़ाई लड़ी है, वह लोग ट्रस्ट में शामिल हों। राम मंदिर की जंग 500 साल की यह जंग थी। एक बाहरी व्यक्ति आया उसने बिना किसी से पूछे मस्जिद बना दी। उसे वह जमीन किसने दी? सुप्रीम कोर्ट द्वारा मुस्लिम समाज को 5 एकड़ जमीन देने पर फतेह ने कहा कि हिंदुस्तान में मस्जिद की कमी है क्या? जहां मस्जिद है, जुमे की नमाज भी वहां पर भी हमारे भाई सड़कों पर अदा कर रहे हैं।
तारिक ने कहा कि नमाज पढ़ने के लिए मस्जिद की जरूरत नहीं है। घर बैठे भी नमाज अदा की जा सकती है लेकिन वहां पर मौलवी नहीं होगा। घर पर आप नमाज अदा करते हैं तो जिसकी दुकान लगी है वह कुछ नहीं कर सकता है। वहीं, राम मंदिर के भव्य निर्माण के बाद राम जन्मभूमि के दर्शन पर बोलते हुए कहा कि अगर वीजा मिलता है तो जरूर राम मंदिर का दर्शन करूंगा लेकिन वीजा मिलेगा तब। रोहिंग्या मुसलमानों पर तंज करते हुए तारिक फतेह ने कहा कि बिना वीजा रोहिंग्या मुसलमान जम्मू तक जा बैठे हैं। बीच में पटना में भी नहीं रुके। रोहिंग्या की सारी लीडरशिप पाकिस्तान में है उसका जो टॉप का लीडर है, वह कभी बर्मा नहीं गया। पैदा कराची में हुआ।
पीस पार्टी द्वारा राम मंदिर मामले पर रिव्यू पिटीशन को लेकर तारिक ने कहा कि रिव्यू पिटिशन दाखिल करने से उनकी हिंदी और इंग्लिश ठीक हो जाएगी। उसी बहाने सीएए भी पढ़ लेंगे, जाहिल हैं। अपने धर्म के विरोध में जाएंगे। बाबर पर हमलावर होते हुए तारिक ने कहा कि बाहर से आकर एक मस्जिद किसी ने बना दी तो उसे लेकर बड़ा दर्द है। मक्के में कई मस्जिद टूटी उस पर कोई दर्द नहीं है इस तरह का दोगलापन उर्दू में चल सकता है दुनिया में नहीं चल सकता है।
फतेह ने कहा कि राम जन्मभूमि विवाद 500 साल से चल रहा है अगर अंग्रेज ना आए होते तो अब तक फैसला हो चुका होता। कोई नहीं पूछता कि बाबर कौन है, इसको यहां आने का वीजा किसने दिया था इसका भी सीएए कराया जाए, हालांकि उससे पहले ही निकल गया। तारिक ने कहा कि जो हिंद को मानते हैं वो रहें और जिनको भारत माता से तकलीफ है वो सोमालिया चले जाएं।