UP News: इत्तेहाद मिल्लत काउंसिल आईएमसी अध्यक्ष मौलाना तौकीर रजा खां ने एक बार फिर विवादित बयान दिया है. मौलाना तौकीर रजा ने कहा कि हिंदुओं को हम खुली चुनौती देते हैं. उन्होंने कहा कि अगर इतनी नफरत है मुसलमानों से तो वह आमने-सामने लड़ाई लड़ लें. साथ ही हिंदुओं के लिए आपत्तिजनक शब्द का प्रयोग किया. मौलाना तौकीर रजा के विवादित बयान को लेकर के अयोध्या के संतो ने कड़ी प्रतिक्रिया दी. रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येन्द्र दास ने कहा कि ऐसी स्थिति में जो ये कह रहे हैं, वह स्वयं भयभीत होकर के ऐसी भाषा बोल रहे हैं, बाहर निकलें तो देखें कितने शेर हैं.


रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि इस तरीके की भाषा निंदनीय है और यह भाषा नफरत फैलाने वाली है. देश में जिस प्रकार से लोग शांति से रह रहे हैं, उस शांति में विघ्न छोड़ने वाली है. इस पर उचित कार्रवाई होनी चाहिए. यह सरकार की जिम्मेदारी है कि ऐसी भाषा बोलकर जो नफरत फैला रहे हैं, महाभारत की चेतावनी दे रहे हैं उन को कठोर दंड देना चाहिए.


इकबाल अंसारी ने क्या कहा?


वहीं बाबरी मस्जिद के पूर्व पक्षकार इकबाल अंसारी ने कहा कि मौलाना होते हुए भी इस तरह से बात हिंदू और मुसलमानों के बीच में ना करें और अपनी गलतियों का एहसास करें. हिंदू और मुसलमानों की बात हिंदुओं को भड़काना और मुसलमानों को भड़काना यह देश हित में नहीं है. हम यह चाहते हैं कि जो मौलाना ने बात कही है उसको वापस ले, क्योंकि इससे हिंदू और मुसलमानों की बात करने से हिंदू और मुसलमान आपस में लड़ेंगे तो देश का नुकसान होगा. उन्होंने कहा कि इस तरह के भाषा बिल्कुल प्रयोग नहीं करना चाहिए क्योंकि आलिम जो है वह एक नसीहत देता है. वह इस तरह की बात बिल्कुल ना करें कि जिस से देश में अफरा-तफरी का माहौल बने हिंदू और मुसलमानों में आपस में भेदभाव बढ़े.


संत परमहंस दास की प्रतिक्रिया


संत परमहंस दास ने कहा कि मौलाना तौकीर रजा ने बहुसंख्यक पर जो टिप्पणी की है उस पर मैं जगतगुरु परमहंस आचार्य उनके इस चुनौती को स्वीकार करता हूं. मैं बहुसंख्यक समाज की तरफ से इस चुनौती को स्वीकार करता हूं और मैं बहुसंख्यक समाज को आग्रह करता हूं कि भविष्य पुराण में लिखा हुआ है कि इस्लाम में राक्षसी प्रवृति है. इस्लाम कोई धर्म नहीं है, इसलिए अपने धर्म ग्रंथों के अनुसार हिंदुओं को समझना चाहिए. मुसलमानों से कभी भी भाईचारा संभव नहीं है अगर मुसलमानों से भाईचारा होता तो धर्म के नाम पर ना बंटता.


राम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि तौकीर रजा इस तरह चैलेंज दे रहे हैं. उनको नहीं पता है कि यह भारत देश है. भारत की भूमि अपने आप में आद्वितीय है. उन्होंने कहा कि वो ऐसी बात भयभीत होकर कह रहे हैं. उन्होंने कहा कि बोल देना बहुत बड़ी बात है, लेकिन जब किसी प्रकार का कार्य करना पड़ता है, तब उस समय पता चलता है कि वास्तविकता क्या है. इस तरीके की भाषा निंदनीय है और यह भाषा नफरत फैलाने वाली है. देश में जिस प्रकार से लोग शांति से रह रहे हैं, उस शांति में विघ्न छोड़ने वाली है. इस पर उचित कार्रवाई होनी चाहिए. यह सरकार की जिम्मेदारी है कि ऐसी भाषा बोलकर जो नफरत फैला रहे हैं, महाभारत की चेतावनी दे रहे हैं उनको कठोर दंड देना चाहिए, नहीं तो पूरे देश में क्रांति होगी, जिसका परिणाम बहुत खराब होगा.


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