लखनऊ, शैलेष अरोड़ा। बेसिक शिक्षा परिषद के प्राइमरी और अपर प्राइमरी स्कूलों में इस सत्र में शिक्षकों के अंतर्जनपदीय तबादले नहीं किये जायेंगे। सत्र शुरू हुए करीब 5 महीने बीतने के चलते बेसिक शिक्षा विभाग ने इस सत्र में तबादले न करने का फैसला लिया है। विभाग के इस फैसले से सूबे के हजारों शिक्षकों को बड़ा झटका लगा है।


विभागीय अधिकारी प्रक्रिया में देरी को बता रहे वजह
बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों के अनुसार शिक्षकों के अंतर्जनपदीय तबादले जिलों में शिक्षकों के समायोजन के बाद होते हैं। इस सत्र में जिलों में 16 अगस्त तक जिलों में समायोजन की प्रक्रिया ही चलती रही। सत्र शुरु हुए भी 5 महीने बीत चुके हैं।


अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा रेणुका कुमार के अनुसार बीच सत्र में अगर शिक्षकों के तबादले किये गए तो छात्र-छात्राओं की पढ़ाई प्रभावित होगी। हां, इतना जरूर है की अगले सत्र में इस तरह की समस्या न हो इसके लिए विभाग जल्द ही पॉलिसी तैयार कर लेगा। ऐसा होने से अगले सत्र में समय से शिक्षकों के तबादले हो जायेंगे।



शिक्षक संगठनों ने अधिकारियों पर साधा निशाना
प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. दिनेश चंद्र शर्मा के अनुसार अगर इस साल तबादले नहीं हो पा रहे तो पूरी तरह विभागीय अधिकारी जिम्मेदार हैं क्योंकि इससे जुडी पॉलिसी बनाने से लेकर उसे लागू करने और तबादले कराने की जिम्मेदारी विभाग की है। अगर ये समय से नहीं हो रह तो शिक्षक क्यों सफर करें।


वहीं, संगठन जी जिलाध्यक्ष सुधांशु मोहन जिलाध्यक्ष भी विभाग को जिम्मेदार ठहराते हुए कहते हैं की अगर समायोजन में गड़बड़ी और खेल नहीं होता तो प्रक्रिया समय से पूरी हो जाती। इन सभी की मांग है की विभाग को शिक्षकों का ट्रान्सफर इसी सत्र में करना चाहिए वरना हजारों शिक्षकों के परेशानी होगी।