यूपी: बस्ती में फर्जी डिग्री के सहारे नौकरी करने वाले शिक्षकों का भंडाफोड़, एसटीएफ कर रही है जांच
उत्तर प्रदेश में फर्जी शिक्षकों के नौकरी करने के कई मामले सामने आ चुके हैं. अब बस्ती से भी इसी तरह का मामला सामने आया है. बीएसए अरुण कुमार ने बताया कि फर्जीवाड़े की जांच एसटीएफ कर रही है.
बस्ती: उत्तर प्रदेश में अनामिका कांड के बाद शिक्षा विभाग में बड़े पैमाने पर फर्जी डिग्री के सहारे नौकरी करने वाले शिक्षकों का भंडाफोड़ हो रहा है. बस्ती में भी फर्जी शिक्षकों की भरमार है, जिनकी डिग्रियों की जांच होने के बाद आब लगातार उनके कारनामे सामने आ रहे हैं. एसटीएफ के निशाने पर परमहंस बाबा राम शंकर दास कन्या पूर्व माध्यमिक विद्यालय पिपरा गौतम में कार्यरत प्रधानाचार्य से लेकर बाबू और तीन अन्य महिला सहायक अध्यापक हैं. इन सभी पर कथित फर्जी दस्तावेजों के जरिए नौकरी करने का आरोप है.
रोक दिया गया वेतन यह स्कूल अनुदानित है, इसकी शिकायत पुलिस से की गई थी. जांच के प्रथम चरण में कार्यरत लिपिक को बर्खास्त कर दिया गया है. रिपोर्ट पर प्रधानाचार्य का वेतन रोक दिया गया है. जिसके चलते महिला शिक्षकों को भी वेतन नहीं मिल रहा है. यह पहला मामला है जब एसटीएफ शिक्षकों के फर्जीवाड़े की जांच सीधे कर रही है, इस मामले में दो शिकायतकर्ता हैं. एक ने लिपिक और शिक्षक की तो दूसरे ने प्रधानाचार्य के कथित फर्जी डिग्री की शिकायत की थी.
एसटीएफ कर रही है जांच पूरे मामले को लेकर बीएसए अरुण कुमार ने बताया कि फर्जीवाड़े की जांच एसटीएफ कर रही है. एसटीएफ ने प्रधानाचार्य विजय लक्ष्मी सिंह, कमला सिंह, मिथिलेश सिंह, उर्मिला सिंह और लिपिक अभिनव सिंह से दस्तावेज मांगे थे जो उपलब्ध करा दिए गए हैं. एसटीएफ की रिपोर्ट पर प्रबंधक ने लिपिक को बर्खास्त और प्रधानाचार्य का वेतन फिलहाल रोक दिया है. अन्य की डिग्रियों की भी जांच हो रही है और रिपोर्ट आते ही उनके खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
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