लखनऊ, अनुभव शुक्ला। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने नए प्रयोगों के लिए जाने जाते हैं और अब ऐसा ही एक प्रयोग उन्होंने अपने मंत्रिमंडल के सहयोगियों के लिए किया है। दरअसल, योगी आदित्यनाथ रविवार को अपने पूरे मंत्रिमंडल को साथ लेकर आईआईएम लखनऊ पहुंचे। जहां इन मंत्रियों को प्रबंधन के गुरु सुशासन और बेहतर मैनेजमेंट के गुर सिखा रहे हैं।
3 दिनों तक चलने वाले इस कैप्सूल कोर्स को 'मंथन' नाम दिया गया है। 3 दिनों के इस सत्र में लीडरशिप डेवलपमेंट को लेकर भी चर्चा होगी। साथ ही सरकार की नीतियों को आम जनता तक कैसे बेहतर ढंग से पहुंचाया जाए उस पर भी आईआईएम के प्रोफेसर सरकार के मंत्रियों को अपना मंत्र देंगे। ये मंथन कार्यक्रम तीन चरणों में बांटा गया है पहला चरण रविवार यानी 8 सितंबर को हो रहा है, दूसरा चरण 15 सितंबर को होगा और तीसरा और आखिरी चरण 22 सितंबर को लखनऊ में ही संपन्न होगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आइआइएम में लीडरशिप डेवलपमेंट मंथन-1 को सम्बोधित किया। सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जीवन सीखने के लिए होता है। सीखने के लिए जहां कहीं भी अवसर मिले उसका लाभ अवश्य लेना चाहिए। प्रदेश के सर्वांगीण विकास में इस तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रम काफी कार्यक्रम सहायक सिद्ध हो सकते हैं। प्रदेश सरकार तो उत्तर प्रदेश को श्रेष्ठ राज्य बनाने की दिशा में सकारात्मक प्रयास कर रही।
पूरी दुनिया मे प्रबंधन के क्षेत्र अलग पहचान रखने वाले आईआईएम लखनऊ में सीएम योगी के मंत्रिमंडल को बेहतर प्रबंधन की सीख देने के लिए आईआईएम लखनऊ की प्रो.अर्चना शुक्ला, पुष्पेंद्र प्रियदर्शी और निशांत उप्पल ने ये खास कैप्सूल कोर्स तैयार किया है और उसी के हिसाब से रविवार को अलग-अलग सेशन रखे गए। आईआईएम में चल रही पाठशाला में प्रो.संजय सिंह ने मंत्रियों को वैश्विक, राष्ट्रीय और राज्य के आर्थिक परिदृश्य की जानकारी दी। रविवार के सेशन में सीएम योगी के मंत्रियों को नेतृत्व क्षमता विकास की ट्रेनिंग के साथ प्रदेश के आर्थिक परिदृश्य के गुर भी यहां सिखाए गए।
दरअसल, इस कवायद के पीछे मुख्यमंत्री की सोच है कि भविष्य में उनके मंत्री सफल रणनीतियां बुनें और उन्हें हकीकत में बदलें। लीडरशिप डेवलपमेन्ट का ये कोर्स सरकार के नए और युवा मंत्रियों के लिए खासा उपयोगी है। इस सेशन में योगी सरकार के मंत्रियों को नीतियों के क्रियान्वयन और कार्यक्रमों के सफल प्रबंधन का भी मंत्र दिया जा रहा है। इससे मंत्रियों में जोखिमों का आकलन और निर्णय करने की क्षमता का भी विकास होगा।
ये पहला मौका है जब किसी सरकार के मंत्री आईआईएम में सुशासन की पाठशाला में शामिल हो रहे हैं। प्रशिक्षण में शामिल होने से पहले मुख्यमंत्री ने सभी मंत्रियों को आने सरकारी आवास पर बुलाया था और फिर वहीं से सभी मंत्री परिवहन विभाग की वॉल्वो बस में सवार होकर आईआईएम पहुंचे। रविवार की पाठशाला में मंत्रियों को किसी लक्षित समूह तक योजनाएं किस तरह पहुंचानी हैं, जनता से सीधा संवाद और संपर्क, छवि निर्माण कैसे करना है इसपर भी विशेषज्ञों ने अपनी राय रखी।