(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
सीएम पुष्कर सिंह धामी के आश्वासन के बाद तीर्थ पुरोहितों का आंदोलन खत्म, देवस्थानम बोर्ड एक्ट में होगा संशोधन
देवस्थानम् बोर्ड एक्ट में संशोधन की बात मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहकर फिलहाल तीर्थ पुरोहितों का आंदोलन तो खत्म करवा दिया है. वहीं, तीर्थ पुरोहितों ने जल्द बोर्ड को भंग करने की मांग की है.
रुद्रप्रयाग: सीएम पुष्कर सिंह धामी के देवस्थानम बोर्ड एक्ट में संशोधन किये जाने के बयान के बाद तीर्थ पुरोहितों ने केदारनाथ धाम में चल रहे आंदोलन को फिलहाल के लिए स्थगित कर दिया है. तीर्थ पुरोहितों ने कहा कि, सीएम ने जो घोषणा बोर्ड को लेकर की है, उस पर एक माह के भीतर कार्यवाही होनी चाहिए, अगर ऐसा नहीं किया गया तो तीर्थ पुरोहित समाज एक सितम्बर को जिला मुख्यालय में विशाल प्रदर्शन करेगा.
तीर्थ पुरोहितों ने खत्म किया आंदोलन
बता दें कि, उत्तरकाशी में पत्रकारों से वार्ता करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा था कि सरकार देवस्थानम बोर्ड एक्ट में संशोधन के पक्ष में है. इसके लिए उच्च स्तरीय कमेटी गठित की जा रही है. यह कमेटी सभी से चर्चा के बाद संस्तुति देगी. इसी के आधार पर निर्णय लिया जाएगा. सीएम के इस बयान के बाद से तीर्थ पुरोहितों में काफी खुशी है. केदारसभा के अध्यक्ष विनोद शुक्ला एवं वरिष्ठ तीर्थ पुरोहित केशव तिवाड़ी ने कहा कि सीएम के बयान के बाद तीर्थ पुरोहितों ने केदारनाथ में अपना आंदोलन फिलहाल के लिए समाप्त कर दिया है. यदि सरकार शीघ्र देवस्थानम बोर्ड को भंग नहीं करती है तो आगामी एक सितंबर को रुद्रप्रयाग जिला मुख्यालय में विशाल जन आंदोलन छेड़ा जाएगा. चारधाम आस्था और विश्वास की केंद्र स्थली है. हिंदू धर्मावलंबियों के लिए सनातनी सभ्यता का भी प्रतीक है. वहीं, दूसरी ओर तीर्थ पुरोहितों ने पूर्व सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत के बयान की घोर निंदा की है. उन्होंने कहा कि देवस्थानम बोर्ड का गठन केवल मंदिरों पर आधिपत्य करने के लिए किया गया है, जबकि गुरुद्वारा और मस्जिदों को इस बोर्ड से अलग रखा गया है, जो बड़ा यक्ष प्रश्न बना है.
अगर बोर्ड भंग ना हुआ तो फिर होगा आंदोलन
उन्होंने कहा कि, देवस्थानम बोर्ड के गठन पर पुनर्विचार करने की प्रदेश के मुखिया पुष्कर सिंह धामी के बयान की प्रशंसा की जाती है, लेकिन बिना तीर्थ पुरोहित समाज और हक हकूक धारियों को विश्वास में लिए सरकार की कोई भी योजना कारगर साबित नहीं होगी. तीर्थ पुरोहितों ने कहा कि पूर्व सीएम जहां भी जा रहे हैं, वहां तीर्थ पुराहितों का अपमान कर रहे हैं. पूर्व सीएम ने मीडिया के सामने कहा कि जो लोग सोए हुए हैं उन्हें तो जगाया जा सकता है, पर जो ढोंग कर रहे हैं, उन्हें ढोल-नगाड़ों से भी नहीं जगाया जा सकता है. ऐसे अपमान जनक बयान की तीर्थ पुरोहित समाज घोर निंदा करता है. कहा कि यदि नये मुख्यमंत्री की ओर से एक माह के भीतर देवस्थानम् बोर्ड को भंग करने को लेकर कार्यवाही ना की गई तो तीर्थ पुरोहित एक सितम्बर को जिला मुख्यालय में बड़े स्तर पर आंदोलन करेंगे.
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