Tehri News: टिहरी बांध (Tehri Dam) के 42 वर्ग किलोमीटर की झील के जलस्तर के बढ़ने-घटने से ऊपरी ढलानों पर बसे गांव के मकानों में दरारे (House Cracked) आ गई हैं. ये दरारें बढ़ती जा रही हैं. आरएल 835 मीटर तक के गांवों के लिए 1998 में पुनर्वास नीति (Rehabilitation Policy) बनाई गई थी लेकिन इससे ऊपर के लिए कोई नीति मौजूद नहीं थी. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने विभिन्न याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए केंद्र, राज्य और टीएचडीसी कंपनी को पुनर्वास नीति बनाने के निर्देश दिए थे जिसके बाद 2013 में एक नीति बनाई गई जिसमें 2021 में संशोधन किया गया था.
उधर, इस नीति के तहत संयुक्त विशेषज्ञ समिति ने पिपौला खास गांव का निरीक्षण कर विस्थापन की सिफारिश की है. रिपोर्ट में कहा गया है कि लोगों के घरों में दरारें आ रही हैं. ये दरारें पहले हल्की थीं और बाद में बड़ी होती चली गईं. आगे और भी खतरनाक स्थिति पैदा हो सकती है. ऐसे में 190 परिवार खौफ के साए में जीने को मजबूर हो रहे हैं. यहां से कई परिवार गांव से पलायन कर चुके हैं तो कई पलायन की कगार पर हैं. गांव के पुराने ही नहीं बल्कि नए मकानों पर भी मोटी दरारें पड़ चुकी हैं.
डर के साए में जीने को मजबूर स्कूली बच्चे
डर के साए में केवल बड़े-बुजुर्ग ही नहीं बल्कि स्कूली बच्चे भी हैं जिनके प्राइमरी स्कूल की भवन की स्थिति जर्जर हो गई है. स्कूल की टीचर ने बताया कि बारिश के समय बिल्डिंग के जमींदोज होने का खतरा बना रहता है. ऐसी स्थिति को देखते हुए स्कूल में छुट्टी करनी पड़ती है. पिपौला खास ग़ांव की वर्तमान स्थिति की बात की जाय तो गांव की काफी नाजुक स्थिति बनी हुई. अगर भूकंप का छोटा सा भी आ जाए तो बड़ी अनहोनी हो सकती है. ग़ांव के कई मकान जमींजोद हो सकते हैं.
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