Tehri News: टिहरी जिले के बालगंगा तहसील के पोनी बासर गांव में प्राथमिक विद्यालय श्यूरा आज अपनी बदहाली के आंसू रो रहा है. विद्यालय का भवन तीन साल पूर्व क्षतिग्रस्त हो गया था, मगर आज भी टूटे हुए भवन पर शिक्षा ग्रहण करने को छात्र मजबूर हैं. जहां एक ओर सरकारें देश की आजादी पर अमृत महोत्सव मना रही हैं, वहीं बच्चों का भविष्य अंधकार में दिखता नजर आ रहा है.


क्या है पूरा मामला? 
दरअसल, यह मामला टिहरी जिले के बालगंगा तहसील के श्यूरा प्राथमिक विद्यालय की है. बता दें कि 30 साल पहले श्यूरा के  प्राथमिक विद्यालय का भवन निर्माण हुआ था, जो कि आज ढह चुका है. जब स्कूल के अध्यापक श्याम लाल आर्य से विद्यालय के बारे में जानकारी ली तो उनका कहना है कि विद्यालय की स्थिति 2019, 2020 से इसी तरह चल रही है. उन्होंने शिक्षा विभाग से लेकर स्थानीय बीजेपी विधायक से भी स्कूल की स्थिति के बारे में कई बार अवगत कराया है. मगर सिर्फ आश्वासन तक ही बात सिमट कर रह गयी है. अध्यापक श्याम लाल ने बताया कि वह बीते 3 वर्षों से स्कूल को मंदिर के प्रांगण में चला रहे हैं और कई बार अत्यधिक बारिश होने पर मजबूरन स्कूल को बंद ही रखना पड़ता है. उनके द्वारा कई बार लिखित में भी विभाग से लेकर शासन तक लिखित पत्र भेजे जा चुके है. मगर कोई कार्रवाई नही हो रही है.


अध्यापक ने बताई ये बात
अध्यापक श्याम लाल आर्य ने आगे कहा कि सरकार पलायन को रोकने की सिर्फ बात करती है पर धरातल पर नही देख रही है कि किस तरह पलायन को रोका जा सकता है. पहाड़ों में अधिकांश लोग अपने बच्चों की शिक्षा और उनके उज्वल भविष्य के लिए पलायन करने को मजबूर है, हैरानी की बात यह है कि 2 बार बीजेपी विधायक शक्ति लाल शाह इसी विधान सभा से विधायक रह चुके है. स्कूल के अध्यापक कई बार स्कूल की स्थिति को लेकर उनको पत्र लिख चुके है. उसके बावजूद भी अभी तक स्कूल की स्थिति जस की तस बनी हुई है.


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