Tehri News: टिहरी के बूढ़ाकेदार क्षेत्र में 21 कावंडियों का रेस्क्यू किया गया है. यह सभी कांवड़िए वहां फस गए थे. एसडीआरएफ के जवानों ने इन कांवरियों को सुरक्षित रेस्क्यू करने के बाद स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया. अस्पताल में इन सभी का चेकअप किया गया. डॉक्टरों की टीम ने सभी स्वस्थ बताया है. बता दें कि 28 जुलाई की शाम को बूढ़ाकेदार क्षेत्र में 21 कावड़ियों का एक समूह गंगोत्री से लौटते समय रास्ता भटक गया जिसकी सूचना एसडीआरएफ के कंट्रोल रूम को दी गई. एसडीआरएफ ने तत्काल एसडीआरएफ और पुलिस ने साथ साझा रेस्क्यू अभियान शुरू किया.
एसडीआरएफ के सब इंस्पेक्टर दीपक जोशी, ने एबीपी लाइव को बताया कि उन्हें इस घटना की सूचना पहले से मिल गई थी और वे अपनी टीम के साथ मौके पर रवाना हो चुके थे. इस बचाव अभियान में बूढ़ा केदार क्षेत्र भारी बारिश की दृष्टिगत पूर्व से ही तैनात एसडीआरएफ रेस्क्यू टीम ने सभी 21 कावड़ियों को भारी बारिश के बीच पड़ी के रास्ते लाकर नदी के किनारे से सुरक्षित बाहर निकाला. इस अभियान को एसडीआरएफ कमांडेंट मणिकांत मिश्रा ने अपने नेतृत्व में कराया. कावड़ियों के इस समूह में कुल 21 लोग शामिल थे, बूढ़ाकेदार से करीब 03 किलोमीटर दूर झाला नामक स्थान पर ये सभी कांवड़िए फंसे हुए थे. सभी कांवड़िए सुरक्षित बताए जा रहे है.
SDRF ने इन लोगों को किया रेस्क्यू
बूढ़ाकेदार क्षेत्र में एसडीआरएफ ने जिन 21 लोगों को रेस्क्यू को किया उनमें आकाश कुमार पुत्र तालेवर सिंह, सोनू पुत्र हंसराज सिंह, सुमित कुमार पुत्र जयदेव सिंह, आकाश कुमार पुत्र रोहतास सिंह, मोहित कुमार पुत्र उदल सिंह, सचिन कुमार पुत्र टीकम सिंह, संजय कुमार पुत्र हरपाल सिंह, सौरव कुमार पुत्र कलवा सिंह, महेंद्र कुमार पुत्र हुकम सिंह, परवेंद्र पुत्र खूबी सिंह, बबलू कुमार पुत्र प्रेम सिंह, सुनील कुमार पुत्र गोविंदा, अमित कुमार गुप्ता पुत्र शिवदत्त गुप्ता, सुशील कुमार पुत्र गोविंद सिंह, विक्रम सिंह पुत्र हरपाल कुमार, मनीष पुत्र राजेश, ललित कुमार पुत्र वीरेंद्र सिंह, सुभाष पुत्र कुररी सिंह, आशीष पुत्र सुरेंद्र कुमार, भूपेंद्र पुत्र रमेश चंद्र और राजू पुत्र डालचंद्र का नाम शामिल है.
सभी कावड़ियों को बूढ़ाकेदार बस स्टैंड पर पहुंचाया गया, जहां उनके लिए खाने और रहने की व्यवस्था की गई है. इस रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए कांवड़ियों ने SDRF टीम के सदस्यों का शुक्रिया अदा किया. अगर सही समय पर एसडीआरएफ की टीम नही पहुंची होती तो शायद इन कांवड़ियों के साथ कोई बड़ा हादसा हो सकता था.
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