उत्तराखंडः 70 साल की उम्र में भी जागरुकता की अलख जगाए हैं ये पूर्व प्रोफेसर, अब सोशल मीडिया को बनाया सहारा
टिहरी के प्रोफेसर गंभीर सिंह चौहान समाज में जागरुकता की अलग जगाए हैं. उन्होंने 70 साल की उम्र में भी जागरुकता को अपना मिशन बना रखा है.
टिहरी, एबीपी गंगा। शिक्षकों का काम सिर्फ छात्रों के सुनहरे भविष्य का निर्माण करना ही नहीं है बल्कि समाज के अन्य लोगों को भी अपने कर्तव्यों के प्रति जागरूक करना भी है. इसी सोच को लेकर टिहरी के एक शिक्षक ने छात्रों के साथ ही अन्य लोगों को एड्स जागरूकता, वैकल्पिक स्रोत ऊर्जा और पर्यावरण को बचाने के प्रति जागरूक करने का बीड़ा उठाया है.
टिहरी जिले राजकीय इंटर कॉलेज ढूंगीधार के भूगोल विषय के प्रवक्ता गंभीर सिंह चौहान ने वर्ष 2005 में बेस्ट टीचर का अवार्ड लेने के बाद छात्रों ही नहीं अन्य लोगों को भी समाज के प्रति अपने कर्तव्यों के प्रति जागरूक करने की ठान ली. गंभीर सिंह ने एड्स के प्रति स्कूलों में विभिन्न तरह के माध्यमों से छात्र छात्रों को जागरूक किया. गंभीर सिंह ने पेपरों की कटिंग, मैग्जीन की कटिंग और स्लोगन लिखकर 1 हजार से अधिक पन्नों की एलबम तैयार की. टिहरी जिले में ही नहीं अन्य जिलों में भी जाकर छात्र छात्रों को एड्स के प्रति जागरूक किया. वहीं 2015 में रिटायरमेंट के बाद उन्होंने इसके साथ ही पर्यावरण को बचाने की मुहिम भी शुरू कर दी.
अपने एलबम और स्लोगन पोस्टर के माध्यम से वो गांव-गांव घूमे और लोगों को पर्यावरण को बचाने के प्रति जागरूक किया. भविष्य में होने वाले इसके दुष्प्रभाव के बारे में भी बताया. गंभीर सिंह ने अपने ही संसाधनों से उत्तराखंड के सभी जिलों में जाकर स्कूलों, कॉलेजों और गांवों में लोगों को समाज प्रकृति के प्रति अपने कर्तव्यों के प्रति समझाया. अब धीरे-धीरे उनकी मुहिम रंग भी ला रही है. 70 साल की उम्र में अब वो अपने 13 किलो के एलबम का वजन उठा नहीं सकते तो उन्होंने सोशल मीडिया का सहारा लिया. अभी भी विभिन्न तरह से लोगों को पर्यावरण और एड्स के प्रति जागरूक कर रहे हैं.
गंभीर सिंह चौहान जैसे कई लोग ऐसे हैं, जो पर्यावरण को बचाने की मुहिम में लगे हुए हैं. वे समाज को जागरूक करने का काम कर रहे हैं. ऐसे में सरकार को जरूरत है कि इन लोगों की मदद के लिए आगे आएं, जिससे इनकी मुहिम और अधिक कारगर साबित हो सके.
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