वाराणसी, एबीपी गंगा। देश की सबसे चर्चित लोकसभा सीट वाराणसी एक बार फिर से चर्चा में आ गई है। यहां से समाजवादी पार्टी की ओर से बीएसएफ के बर्खास्त जवान तेज बहादुर का नामांकन खारिज होने के बाद वह सुप्रीम कोर्ट में अपनी अर्जी लेकर पहुंचे हैं। तेज बहादुर यादव ने सुप्रीम कोर्ट में अपना नामांकन खारिज करने को लेकर चुनौती दी है। इस मामले में वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण उनकी तरफ से इस केस की पैरवी करेंगे।
वीडियो ने खड़ा किया था विवाद
बता दें, यादव के एक वीडियो ने विवाद खड़ा कर दिया था जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि जवानों को घटिया खाना दिया जा रहा है। इसके बाद उन्हें सीमा सुरक्षा बल से बर्खास्त कर दिया गया था। जिला निर्वाचन अधिकारी सुरेन्द्र सिंह ने तेज बहादुर यादव द्वारा पेश नामांकन पत्र के दो सेटों में खामियां पाते हुए उनसे एक दिन बाद अनापत्ति प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने को कहा था।
दोनों नामांकनों में अलग-अलग दावे
गौरतलब है कि यादव ने 24 अप्रैल को निर्दलीय और 29 अप्रैल को समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार के तौर पर नामांकन किया था। उन्होंने बीएसएफ से बर्खास्तगी को लेकर दोनों नामांकनों में अलग-अलग दावे किए थे। इस पर जिला निर्वाचन कार्यालय ने यादव को नोटिस जारी करते हुए अनापत्ति प्रमाण पत्र जमा करने का निर्देश दिया था। यादव से कहा गया था कि वह बीएसएफ से इस बात का अनापत्ति प्रमाणपत्र पेश करें जिसमें उनकी बर्खास्तगी के कारण दिए हों।
ये उम्मीदवार हैं मैदान में
वाराणसी में पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ सपा से शलिनी यादव, कांग्रेस से अजय राय चुनावी मैदान में हैं। अब तेज बहादुर यादव के कोर्ट जाने के बाद की स्थितियों को लेकर वाराणसी में सियासी चर्चा शुरु हो गई है। हालांकि कांग्रेस से सपा में शामिल हुईं शालिनी यादव को लेकर पार्टी के भीतर ही असंतोष की स्थिति बनी हुई है।