फाल्गुन में ही तेवर दिखाने लगा है सूरज, अभी से पड़ने लगी है मई-जून जैसी गर्मी
पिछले सालों में फरवरी के आख़िरी और मार्च के पहले हफ्ते में लोग हल्का स्वेटर पहनकर ही घरों से बाहर निकलते थे. लेकिन इस साल एसी और कूलर भी चलाने शुरू कर दिए हैं.
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प्रयागराज: उत्तर भारत के दूसरे हिस्सों की तरह ही संगम नगरी प्रयागराज में भी मौसम का मिजाज़ अचानक बदल गया है. यहां फाल्गुन महीने के शुरुआती दिनों में ही मई और जून जैसी गर्मी पड़ने लगी है. 40 डिग्री के करीब पहुंचने वाला तापमान न सिर्फ लोगों को परेशान कर रहा है, बल्कि उनकी सेहत के लिए भी खतरा पैदा कर रहा है. जानकारों का कहना है कि पर्यावरण असंतुलन की वजह से ऐसा हो रहा है और आने वाले दिनों में यह बड़ी मुसीबत का सबब बन सकता है.
पिछले सालों में फरवरी के आख़िरी और मार्च के पहले हफ्ते में संगम नगरी प्रयागराज में लोग हल्का स्वेटर पहनकर ही घरों से बाहर निकलते थे. रात को कंबल की ज़रुरत होती थी, लेकिन इस साल मौसम ने कुछ इस तरह करवट बदली है कि स्वेटर और कम्बल हफ़्तों पहले ही आलमारी में रखे जा चुके हैं. पंखे के बिना अब बैठना मुश्किल सा हो गया है. तमाम लोगों ने तो एसी और कूलर भी चलाने शुरू कर दिए हैं. फाल्गुन महीना शुरू हुए अभी सिर्फ तीन दिन ही हुए हैं. होली में चार हफ्ते वक़्त बाकी है, लेकिन इसके बावजूद संगम नगरी प्रयागराज में दिन का अधिकतम तापमान कभी 37 तो कभी 38 डिग्री तक पहुंच जा रहा है. मौसम का यह बदला हुआ मिजाज़ लोगों को हैरान भी कर रहा है और परेशान भी. लोगों का सवाल है कि जब अभी मई और जून जैसी गर्मी पड़ने लगी है तो आने वाले दिनों में क्या होगा. पिछले दस दिनों से घर से बाहर निकलने वाले ज़्यादातर लोग चेहरे और शरीर को गमछे से ढककर निकल रहे हैं. पेय पदार्थों और गर्मी से राहत देने वाले दूसरे स्टाल्स पर अभी से भीड़ इकट्ठी होने लगी है.
तापमान के साथ ही मुसीबतों का बढ़ना भी तय
मौसम के जानकार इस सीजन में तापमान के लगातार तेज़ी से बढ़ने को बेहद खतरनाक संकेत मान रहे हैं. इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी के भूगोल विभाग के प्रोफ़ेसर एच एन मिश्रा का कहना है कि प्रकृति के साथ छेड़छाड़, पर्यावरण असंतुलन और जलवायु परिवर्तन की वजह से ऐसा हुआ है. उनके मुताबिक़ ऐसा होने से आने वाले दिनों में प्राकृतिक आपदाएं आने का खतरा तेजी से बढ़ गया है. उनके मुताबिक़ जनसंख्या बढ़ने से जो प्राकृतिक दोहन हो रहा है, उसी की वजह से ठंड कम होने लगी है और अधिकतम तापमान तेजी से बढ़ने लगा है. प्रोफ़ेसर एच एन मिश्र का कहना है कि अगर इससे सबक लेकर कोई एहतियाती कदम नहीं उठाए गए तो आने वाले दिनों में तापमान के साथ ही मुसीबतों का बढ़ना भी तय है.
मौसम के बदले हुए मिजाज़ से लोग हैरान और परेशान दोनों हैं. मौसम का अचानक करवट लेना और तापमान में बढ़ोत्तरी लोगों को बीमार कर रहा है. किसी को सर्दी-खांसी और बुखार हो रहा है तो किसी को सिर दर्द-जी मिचलाने और कई दूसरे तरह की दिक्कतें हो रही हैं. सबसे ज़्यादा दिक्कत सांस और फेफड़े की बीमारियों से जुड़े लोगों को है. मोतीलाल नेहरू मेडिकल कालेज के पलमोनरी डिपार्टमेंट के हेड डॉ तारिक महमूद के मुताबिक़ पिछले एक हफ्ते में इस तरह की बीमारियों के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ी है. उनका कहना है कि इस वक़्त एहतियात बरतना बेहद ज़रूरी हो गया है. अचानक एसी व कूलर में जाने, फ्रिज का ठंडा पानी पीने, सीधे तेज धूप में जाने से बचना चाहिए, वर्ना यह सेहत के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकता है. डॉ तारिक महमूद के मुताबिक़ ज़रा भी लापरवाही लोगों की सेहत और ज़िंदगी पर भारी पड़ सकती है.
मौसम के इस बदलाव के सीधे ज़िम्मेदार हम और आप ही हैं. बेशक यह परेशान करने वाला है. इससे सीखने और सबक लेने की ज़रुरत है, वर्ना आने वाली पीढ़ियां हमें शायद माफ़ नहीं करेंगी.
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