UP में मिशन शक्ति अभियान का 10 दिनों का रिपोर्ट कार्ड, 22 जिले निकले फिसड्डी, पढ़ें ये रिपोर्ट
यूपी सरकार ने नवरात्रि की शुरुआत में महिलाओं की सुरक्षा मजबूत करने के लिये राज्यभर में मिशन शक्ति चलाया और अभी भी चल रहा है. बीते 10 दिनों में कई जिलों में अपराधियों पर नकेल कसी गई तो वहीं, 22 जिलों में ये कागजी अभियान बनकर रह गया.
लखनऊ. बीते 17 अक्टूबर से उत्तर प्रदेश में महिलाओं बालिकाओं की सुरक्षा के लिए प्रदेश सरकार ने मिशन शक्ति की शुरुआत की. महिला संबंधी अपराधों पर सरकार ने गंभीरता दिखाते हुए छह महीने का विशेष अभियान चलाया. जिसमें बलात्कार छेड़खानी करने वालों को सजा दिलाने का आदेश दिया गया. लेकिन मिशन शक्ति के 10 दिनों का रिपोर्ट कार्ड सामने आया तो पता चला कमिश्नर प्रणाली वाली नोएडा से लेकर झांसी तक गोंडा से लेकर प्रयागराज तक 22 जिले ऐसे हैं जो मिशन शक्ति के अभियान में फिसड्डी हैं.
11 मामलों में 18 को फांसी की सजा
शारदीय नवरात्र के पहले दिन प्रदेश की योगी सरकार ने महिलाओं और बालिकाओं की सुरक्षा के लिए मिशन शक्ति की शुरुआत की. प्रदेश भर में जहां एक तरफ महिला सुरक्षा को लेकर जागरूकता कार्यक्रम चलाए गए तो वहीं दूसरी ओर छेड़खानी करने वाले बलात्कार के आरोपियों की गिरफ्तारी कर अदालत से सजा दिलाने का अभियान भी तेज हुआ. इस दौरान प्रदेश भर में अदालत से सजा भी खूब दिलाई गई तो पुलिस ने गिरफ्तारियां और अन्य कार्रवाई भी की. बीते 10 दिनों के रिपोर्ट कार्ड के अनुसार अब तक प्रदेश में 11 मामलों में 18 आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई गई. 42 मामलों के 86 आरोपियों को आजीवन कारावास हुआ. 65 मामलों के 96 आरोपियों को 10 साल या उससे अधिक की सजा सुनाई गई. 87 मामले के 115 आरोपियों को अर्थदंड लगाया गया. 296 जिला बदर किए गए. 600 आरोपियों की जमानत खारिज करा कर जेल भेजा गया. अधिकारी भी इस मिशन शक्ति में की गई कार्रवाई को सरकार की उपलब्धि मान रहे हैं.
22 जिलों में कागजी अभियान बना मिशन शक्ति
लेकिन इन तमाम उपलब्धियों के बीच 10 दिन के रिपोर्ट कार्ड ने एक और सच्चाई उजागर की है. उत्तर प्रदेश के 22 जिले ऐसे हैं, जहां मिशन शक्ति को लेकर अफसरों ने कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई, कार्रवाई नहीं की गई. इन जिलों के लिए मिशन शक्ति एक कागजी अभियान बन गया है, इसमें पुलिस कमिश्नर प्रणाली वाला नोएडा के साथ-साथ अलीगढ़, एटा, देवरिया, कुशीनगर, गोंडा, श्रावस्ती, बहराइच, बलरामपुर ,कानपुर देहात, इटावा, जालौन, झांसी, ललितपुर, सीतापुर, रायबरेली, बुलंदशहर, शामली, प्रयागराज, कौशांबी, मऊ और भदोही शामिल हैं. मिशन शक्ति में फिसड्डी इन 22 जिलों का पूरा रिपोर्ट कार्ड अभियोजन के तरफ से गृह विभाग को रिपोर्ट भेज दी गई है. अधिकारी कह रहे हैं कि जिलों के डीएम और एसपी ने मिशन शक्ति को गंभीरता से नहीं लेने के कारण यह सब हुआ.
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