वाराणसी. गलियों के शहर बनारस की गलियां अब डराने लगी हैं. लगातार हो रही चेन स्नेचिंग की घटनाओं ने अधिकारियों को सकते में ला दिया है. चेन स्नेचरों की धर पकड़ के लिए टीम गठित करने की बात कह रहे हैं लेकिन सच तो यही है कि स्नेचरों के दिल मे खाकी का खौफ ना के बराबर है.
डराती हैं गालियां
कभी जहां की गलियों में सड़कों पर चहलकदमी शौक था. आज वहां लोगों को चेन स्नेचिंग का खतरा सता रहा है. सड़क पर निकलते हुए चेन छिनैती, गली से गुजरते हुए चेन छिनैती इतना ही नहीं आप अगर अपने घर या दुकान पर भी हैं तो स्नेचर वहां भी सक्रिय नजर आ रहे हैं. स्नेचर आते हैं घटना को अंजाम दे रहे हैं और हेलमेट, मास्क के सहारे फरार भी हो जा रहे हैं. पुलिस सीसीटीवी खंगालती रहती हैं लेकिन न तो स्नेचर हाथ आ रहे हैं और न ही सामान की बरामदगी हो रही है. अब अधिकारी सक्रिय हैं टीम गठित करने की बात भी बता रहे हैं.
चेन स्नेचरों ने मास्क और हेलमेट को बनाया सहारा, घटना को देते हैं अंजाम
आपको बता दें कि वाराणसी में कुल 27 थाने और इन थानों में विशेषकर शहर के मंडुआडीह, लंका, भेलुपुर, सारनाथ शिवपुर और सिगरा आदमपुर वो प्रमुख थाने हैं, जहां स्नेचर सक्रिय हैं अब आंकड़ों पर को जान लीजिए. बीती 15 अक्टूबर तक वाराणसी में चेन स्नेचिंग की 22 घटनाएं सामने आई हैं, वहीं, वर्ष 2019 में चेन स्नेचिंग की 25 घटनाएं सामने आई थीं. 2018 में चेन स्नेचिंग के 19 मामले सामने आए थे. इधर बीच हुई घटनाओं में अपराधी मास्क और हेलमेट के सहारे फरार हो गए. पुलिस आज तक सीसीटीवी खंगाल रही है.
सारनाथ निवासिनी पीड़िता राजकुमारी देवी 28 सितंबर को अपने घर में ही दुकान में बैठी थीं, स्नेचर दिन में ही इनकी दुकान से ही चेन छीनकर फरार हो गए. आज तक पुलिस न तो अपराधियो को पकड़ पाई और न ही माल की बरामदगी कर पाई.
पुलिस ने टीम गठित की
लगातार हो रही घटनाएं वाराणसी पुलिस के लिए सिरदर्द बनी हुई हैं. अधिकारी लगाम के लिए टीम गठित कर रहे हैं लेकिन अब देखना होगा कि घटनाओं को रोकने के लिए वाराणसी पुलिस के उपाय क्या कारगर साबित होते हैं? अपराधियों का पुलिस की पकड़ से दूर होना जनता में निराशा पैदा कर रहा है.
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