Terrorist Saifullah Etawah Madrasa: एटीएस के हाथ लगे आतंकी सेफुल्ला का इटावा के मदरसे अरबिया कुरानियां से निकले कनेक्शन के बाद अब मदरसे में पढ़ाई कर रहे बच्चो काउंसलिंग कराई जा रही है. इस घटना के बाद मदरसा संचालक ने मदरसे में रहने वाले बच्चों को किसी भी बाहरी अपरिचित व्यक्ति से दोस्ती न करने, मेल मिलाप न करने, मोबाइल से दूर रहने हिदायत दी है. जानकारी के अनुसार फतेहपुर निवासी हबीबुल इस्लाम उर्फ सैफुल्लाह ने इटावा के मदरसा अरबिया कुरानियां में जून 2019 से लेकर मार्च 2020 तक रहकर हिफ़्ज की पढ़ाई की थी. हालांकि कोरोना के समय में सैफुल्लाह इटावा मदरसे से चला गया था.
एटीएस ने हबीबुल इस्लाम उर्फ सैफुल्लाह को जैश-ए-मोहम्मद का संदिग्ध आतंकी मानते हुए 12 दिन की रिमांड पर लिया है. जिसके बाद मदरसा संचालक मौलाना तारिक शमशी के द्वारा वहां पढ़ रहे बच्चों की काउंसलिंग कराई जा रही है. जिसमें बच्चों को शिक्षा की तरफ बढ़ने और मोबाइल फोन से दूरी के साथ अनजान व्यक्तियों से दूर रहने की सलाह दी जा रही है. मदरसा संचालक ने हॉस्टल में प्रदेश के अन्य जनपदों से आए बच्चों को गलत कामों से बचने की नसीहत दी है.
गुजरात के भरूच के किसी मदरसे से आकर संदिग्ध हबीबुल ने 16 जून 2019 को हिफ्ज़ (कुरान को याद) करने के लिए शहर के मदरसा अरबिया कुरानियां में दाखिला लिया था. मदरसा संचालक की मानें तो हबीबुल अपने पिता के साथ अरेबिक कोर्स में दाखिला लेने आया था लेकिन एडमिशन टेस्ट में कम नंबर होने के चलते केवल हिफ्ज में ही दाखिला हो सका था. फिर 9 महीने बाद मार्च 2020 में देश में कोरोना महामारी फैलने के बाद से सभी छात्रों को उनके घर भेज दिया गया था. जिसके बाद संदिग्ध हबीबुल वापस इस मदरसे में शिक्षा लेने वापिस नहीं आया.
एटीएस 12 दिन के रिमांड में लेकर कर रही है पूछताछ
रिपोर्ट्स के मुताबिक हबीबुल और उसके दो अन्य साथी ATS ने गिरफ्तार किए हैं और उनकी पेशी बीते बुधवार को कोर्ट में कराई गई थी. जिसमें उनको 12 दिनों की रिमांड मिली है. ATS अब उनसे यूपी में फैले नेटवर्क सहित 10 बिंदुओं पर पूछताछ कर रही है. मदरसे एडमिनिस्ट्रेशन को जब मीडिया से इस बात की जानकारी हुई कि संदिग्ध हबीबुल कुछ समय के लिए उनके मदरसे में शिक्षा लेने आया था तब से मदरसे में सुरक्षा और एहतियात के तौर पर बच्चों की बराबर काउंसलिंग कराई जा रही है. बच्चो को सलाह दी जा रही है कि अच्छी शिक्षा हासिल करके देश और परिवार का नाम रोशन करें.
सैफुल्ला पढ़ने में था कमजोर
मदरसा एडमिनिस्ट्रेशन का कहना है कि वह बच्चों को नेक दिल इंसान बनाने की शिक्षा देते है. सैदबाड़ा फतेहपुर के रहने वाले मदरसे में शिक्षक जफरुल इस्लाम 16 जून 2019 को अपने बेटे सैफुल्ला को लेकर इटावा आए थे. संस्था के रिकॉर्ड के अनुसार हबीबुल इस्लाम ने भरूच से हिफ्ज की पढ़ाई की थी, हालांकि दीनी तालीम के मामले में वह काफी कमजोर था. एडमिशन टेस्ट के दौरान ही शिक्षकों ने पाया कि वह काफी कमजोर है और उसे अभी बहुत कुछ सीखने की जरूरत है. लिहाजा उसे 9वीं कक्षा में दाखिला दिया गया और उसे हिफ्ज के रिवीजन कोर्स में दाखिला दिया गया था.
मदरसे में छात्रों को पढ़ाई के लिए किया जाता है मोटिवेट
मदरसे के प्रबंधक मौलाना तारिक शम्सी का कहना है कि हम बच्चों को बेहतर इंसान बनाने के लिए शिक्षित करते हैं. जिससे वह भी आगे चलकर अपने माता-पिता और देश का नाम रोशन कर सकें. मदरसे में मोबाइल पर पूरी तरीके से प्रतिबंध है और हर बुधवार को बच्चों को मोटिवेट करने के लिए और सही रास्ते पर ले जाने के लिए कार्यशाला भी लगाते हैं. उन्होंने बताया कि 19 मार्च 2020 को जनता कर्फ्यू की शुरुआत से पहले सभी बच्चे हॉस्टल से जा चुके थे, जिनमें हबीबुल इस्लाम भी शामिल था. वह पढ़ाई में काफी कमजोर था और उसका पढ़ाई में मन भी नहीं लगता था, यही कारण है कि कठोर अनुशासन के चलते उसके पिता उसे यहां एडमिशन दिलाने लाए थे. हालांकि मदरसे में रहने के दौरान उसकी कोई भी गतिविधि किसी को भी संदिग्ध नजर नहीं आई, क्योंकि यहां बच्चों को मोबाइल फोन देने की इजाजत नही है.