UP Government News: राजस्थान की तरह उत्तर प्रदेश के पुराने किलों, इमारतों और महलों को पीपीपी मॉडल पर विकसित किया जाएगा. इसे लेकर विधानभवन के तिलक हाल में हेरिटेज पर्यटन संगोष्ठी या कहें पहली बड़ी बैठक का आयोजन हुआ. पर्यटन और संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह (Jaivir Singh) ने कहा कि इन ऐतिहासिक धरोहरों को हेरिटेज सर्किट में शामिल करके बुनियादी सुविधाओं से लैस किया जाएगा. इनकी मार्केटिंग और ब्रान्डिंग के साथ ही व्यापक प्रचार-प्रसार करके अधिक से अधिक देशी-विदेशी पर्यटकों को उत्तर प्रदेश की ओर आकर्षित किया जाएगा. इससे उत्तर प्रदेश में रोजगार के साथ-साथ आमदनी के रास्ते खुलेंगे.
पीपीपी मॉडल पर विकसित होंगे पुराने भवन
मंत्री जयवीर सिंह ने निवेशकों को कहा कि पुराने ऐतिहासिक भवनों को पीपीपी मॉडल पर विकसित कर यूपी को आगे बढ़ाने में अपना योगदान दें. उन्होंने कहा कि इससे पुरानी इमारतें सुरक्षित और संरक्षित रहेंगी. इसके साथ ही देशी-विदेशी पर्यटकों को किला और महलों में ठहरने की अनुभूति प्राप्त होगी. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार चाहती है कि विदेशी पर्यटकों की पहली पसंद उत्तर प्रदेश बने. देश की अर्थव्यवस्था में पर्यटन सेक्टर का अधिकतम योगदान हो. विधान परिषद के सभापति कुंवर मानवेन्द्र सिंह ने कहा कि पूर्वजों द्वारा बनाये गये पुराने किले, महल आदि को सुरक्षित और संरक्षित करने के लिए यह एक अच्छी पहल है. उन्होंने सभी ऐतिहासिक इमारतों की सूची बनाने का सुझाव दिया. उन्होंने कहा कि पीपीपी मॉडल पर जहं एक ओर इन ऐतिहासिक धरोहरों का संरक्षण होगा, वहीं दूसरी ओर पर्यटकों के आने से रोजगार और आमदनी भी बढ़ेगी.
निवेशकों को आकर्षिक किया जाएगा
प्रमुख सचिव पर्यटन मुकेश मेश्राम ने कहा कि प्रदेश में 2 तरह की हेरिटेज प्रॉपर्टी है, एक निजी स्वामित्व वाली और एक जो सरकार के अधीन है. इन दोनों को कैसे विकसित किया जाए, कैसे निवेशकों को आकर्षित करें, जो निजी स्वामित्व वाली है उनका कैसे फाइनेंसियल इंस्टिट्यूशन से टाईअप कराएं जिससे इनका रेस्टोरेशन हो और इनका रीयूज हो. इसमें होटल बन सकते हैं, हेरिटेज बुटीक, रेस्टोरेंट्स, वेडिंग डेस्टिनेशन, रिसोर्ट, म्यूजियम, लाइब्रेरी बना सकते हैं. कोई भी ऐसा काम कर सकते हैं जिससे ना सिर्फ बिल्डिंग सुरक्षित होगी, आर्किटेक्चर बचा रहेगा, बल्कि पुरानी चीज जीवंत बनेगी. लोग भविष्य में भी इस से रूबरू हो पाएंगे. इसे तीन श्रेणी में रखा गया है एक वो भवन जो 1950 के पहले के हैं, दूसरे 1935 के पहले वाले और तीसरे 1920 से पहले के भवन, इसमें हम सब्सिडी भी देंगे.
मुकेश मेश्राम ने कहा कि अगर कोई प्राइवेट वाला इसे रेनोवेट करता तो हम उसे इन्वेस्टमेंट पर 25 फीसदी सब्सिडी देंगे. वह लोग जो लोन लेंगे उस पर भी हम 5 साल तक 5 फीसदी ब्याज की सब्सिडी देंगे. वहां तक कनेक्टिविटी अच्छी करेंगे, इनका प्रचार-प्रसार करेंगे, जो हमारे ट्रैवलमार्ट होते वहां इनकी ब्रांडिंग और मार्केटिंग करेंगे.
मुकेश मेश्राम ने बताया कि बैठक में किले के स्वामियों ने कुछ समस्या भी बताई है. कुछ विभागीय हैं तो कुछ दूसरे विभाग या बैंक से जुड़ी समस्या हैं. केंद्र सरकार के विभागों से जुड़ी समस्या भी हैं. बातचीत करके इनका समाधान निकालेंगे चाहे सोलर लाइट से जुड़ी हो या बिजली कनेक्टिविटी, टैक्सेशन, उनके मालिकाना हक किसी भी क्षेत्र से संबंधित हो. अगर आबादी क्षेत्र में है और कोई कागजात नहीं है, तो बैंक लोन नहीं देता. प्रधानमंत्री ने घरौनी योजना चलाई है. ऐसे में अगर हम उनको घरौली उपलब्ध करा दें, तो उन्हें बैंक से लोन में आसानी होगी. यह सुविधा हम आगे कैसे बढ़ाएंगे इसे भी देखा जाएगा.
बड़ा पर्यटन हब बनेगा यूपी
राज्य मंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह का भी तिलोई में किला है, वो भी बैठक में शामिल हुए. उन्होंने कहा कि बैठक की काफी अच्छी चर्चा हुई. हम लोग के निवेशकों की जो परेशानियां हैं वह भी सरकार के सामने रखी गई. पर्यटन मंत्री ने भरोसा दिलाया कि इन सब समस्याओं को जल्द दूर करेंगे. इसका सबसे बड़ा फायदा होगा कि निवेश तो बढ़ेगा ही साथ ही रोजगार का भी सृजन होगा. जितनी हेरिटेज बिल्डिंग उत्तर प्रदेश में है उतनी शायद ही कहीं हो. उत्तर प्रदेश हेरिटेज बिल्डिंग का बड़ा पर्यटन हब बनेगा. बैंक से लोन में कुछ समस्या आती है, जबकि हमारा मालिकाना हक है, लेकिन पेपर ना होने की वजह से समस्या आती है यह विषय भी रखा गया है. रायबरेली के महेश पैलेस के मालिक राकेश प्रताप सिंह ने कहा कि हम काफी उत्साहित हैं. हमारे जैसे कई साथियों को इसका लाभ मिलेगा.
इस बैठक में हेरीटेज हास्पिटेलिटी एसोसिएशन के संस्थापक सचिव प्रद्युम सिंह, निमराना होटल ग्रुप के मालिक अमरनाथ समेत कई निवेशक, विशेषज्ञ और पर्यटन विभाग के अधिकारी रहे. अमरनाथ अब तक 18 राज्यों में ऐसे 30 प्रोजेक्ट कर चुके हैं. वहीं प्रमुख सचिव मुकेश मेश्राम ने कहा कि राज्य सरकार ने छतरमंजिल लखनऊ, चुनारफोर्ट मिर्जापुर, बरूआसागर फोर्ट झांसी, कोठी गुलिस्ताने एरम, कोठी दर्शन विलास, कोठी रोशन उदौला को चिन्हित किया गया. इसके साथ ही लखनऊ, बरसाना जलमहल मथुरा, शुक्ला तालाब कानपुर देहात, टिकैतराय बारादरी कानपुर सिटी, बुन्देलखण्ड की कुछ सम्पत्तियों-तहरोली फोर्ट झांसी, चिरगॉव फोर्ट झांसी, मडवारा फोर्ट, मस्तानी महल सलारपुर, सेनापति भवन आदि को पीपीपी मॉडल पर विकसित करने के लिए चिन्हित किया गया है. बैठक में प्रदेश भर से राजा महाराजा परिवार के लोग शामिल हुए.
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