भगवान राम की जन्मभूमि अयोध्या में आज से 39वें रामायण मेले का हुआ शुभारंभ
अयोध्या के साधु संतों के साथ-साथ राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के ट्रस्ट के सदस्य व ज्योतिरमठ बद्रिका आश्रम हिमालय श्रीमद जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती रामायण मेले में सम्मिलित होने अयोध्या धाम पहुंचे.
अयोध्या: भगवान राम की जन्मभूमि अयोध्या में आज से 39वें रामायण मेले का शुभारंभ किया गया है. अयोध्या के साधु संतों के साथ-साथ राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के ट्रस्ट के सदस्य व ज्योतिरमठ बद्रिका आश्रम हिमालय श्रीमद जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती रामायण मेले में सम्मिलित होने अयोध्या धाम पहुंचे. मणिराम छावनी के उत्तराधिकारी महंत नृत्य गोपाल दास के शिष्य महंत कमलनयन दास ने दीप प्रज्वलित कर रामायण मेले का शुभारंभ किया.
अयोध्या पहुंचे श्री राम जन्मभूमि ट्रस्ट के सदस्य जगतगुरु स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती ने कहा कि भगवान राम सबसे सरल हैं सबको अपने शरण देते हैं. सब पर कृपा करते हैं उनके चरित्र का श्रवण उनके नाम का कीर्तन उनके धाम में निवास ही मानव जीवन का कर्तव्य है. इसका पालन करते हुए ही जीवन सफल बनाने का प्रयास करें.
रामायण मेले के मंच से वासुदेवानंद सरस्वती ने नेपाल को भारत का अभिन्न अंग बताया. जगतगुरु शंकराचार्य वासुदेवानंद सरस्वती ने कहा कि नेपाल की संस्कृति और भारत की संस्कृति एक है. भौगोलिक स्थिति से नेपाल और भारत एक देश हैं. राजनीतिक स्थितियां बदलती रहती हैं. अंग्रेजों ने नेपाल को भारत से अलग कर दिया वैसे हम एक ही हैं.
राम मंदिर निर्माण पर बोले वासुदेवानंद सरस्वती राम का मंदिर बहुत ही भव्य बनना चाहिए और बहुत मजबूत बनना चाहिए. मंदिर की आयु कम से कम 1000 वर्ष तक हो राम मंदिर की आयु भगवान के बाद कुश ने बनवाया था. भगवान श्री कृष्ण विक्रमादित्य ने मंदिर बनवाया था लेकिन दो ढाई हजार वर्ष के बाद सब खत्म हो गया था, इसलिए इस बार जो मंदिर निर्माण हो उसकी आयु लगभग 1000 वर्षों इसलिए इस बार सारी इंजीनियरिंग व्यवस्था वास्तु की दशा को देखते हुए मंदिर का निर्माण होना चाहिए. हम तो आशा करते हैं साल भर में मंदिर बंद करके ठाकुर जी बैठ जाएंगे.