प्रयागराज. संगम नगरी प्रयागराज में गंगा किनारे बड़ी संख्या में शवों को दफनाए जाने के मामले में एबीपी गंगा की खबर का असर हुआ है. एबीपी गंगा पर प्रमुखता से खबर दिखाए जाने के बाद सरकारी अमला हरकत में आने लगा है. मिट्टी के टीलों के कटान की वजह से गंगा में समाहित हो रहे शवों को कब्र से निकालकर उनका दाह संस्कार किये जाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.
पिछले दो दिनों में 11 शवों को कब्र से निकालकर उनका दाह संस्कार किया जा चुका है, जबकि अगले एक हफ्ते में लगभग 50 और शवों को सीधे गंगा में समाहित होने से बचाने के लिए उनका भी दाह संस्कार किये जाने की तैयारी की जा रही है. फिलहाल यह प्रक्रिया अभी सिर्फ शहर से सटे फाफामऊ घाट पर शुरू की गई है. उम्मीद जताई जा रही है कि तमाम दूसरे घाटों पर भी गंगा के ठीक किनारे दफन हुए शवों को भी कब्रों से निकालकर सम्मान के साथ इसी तरह उनका भी दाह संस्कार कर दिया जाएगा.
गौरतलब है कि संगम नगरी प्रयागराज में पिछले दिनों बड़ी संख्या में शवों को गंगा के घाटों पर दफना दिया गया था. शवों को इतनी बड़ी संख्या में दफनाया गया था कि गंगा किनारे के शमशान घाट कब्रिस्तान में तब्दील नज़र आने लगे थे. एबीपी गंगा ने अपनी रिपोर्ट में यह आशंका जताई थी कि गंगा का जलस्तर बढ़ने और मिट्टी का कटान होने की वजह से शव कब्र से बाहर आकर गंगा में समाहित होते हुए उन्हें प्रदूषित कर सकते हैं. हुआ भी कुछ ऐसा ही. जलस्तर बढ़ते ही मिट्टी की कटान शुरू हो गई और कई शव कब्र से बाहर आकर गंगा की धारा में समाहित होने की कगार पर आ गए.
फाफामऊ घाट पर नगर निगम और जिला प्रशासन ने मॉनिटरिंग कमेटी के साथ ही पुलिस और एसडीआरएफ से इसकी नकराई और दो दिनों में 11 शवों का दाह संस्कार किया गया. निगरानी समिति के सदस्य और पार्षद कमलेश तिवारी के मुताबिक़ जल्द ही कगार वाले तमाम और शवों को कब्रों से निकालकर हिन्दू रीति रिवाजों और पूरे सम्मान के साथ सभी का दाह संस्कार कराया जाएगा.
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