(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
कोरोना टेस्ट का टारगेट पूरा करने के लिए डॉक्टर ने 15 बार दिया अपना ही सैंपल
सीएचसी प्रभारी योगेंद्र सिंह राणा ने सभी संविदा कर्मचारियों पर दबाव बनाया कि यदि मरीज नमूना देने केन्द्र पर नहीं आ रहे तो वे फर्जी नमूने लें.
मथुरा: उत्तर प्रदेश के मथुरा में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जिसमें एक डॉक्टर ने कोरोना टेस्ट का लक्ष्य पूरा करने के लिए 15 से ज्यादा बार अपना ही नूमना दे दिया. ऐसा करते हुए डॉक्टर की वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही है. यह वीडियो रविवार को सामने आया, जिसमें बलदेव सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में एक स्वास्थ्य कार्यकर्ता को राजकुमार सारस्वत के नमूने लेते देखा जा सकता है. फिर इन नमूनों को परीक्षण के लिए नकली नामों पर सीएमओ कार्यालय भेजा गया.
वीडियो में सारस्वत खुद स्वीकार भी करता है कि वह इसलिए अपने नमूने दे रहा है क्योंकि इकट्ठा किए गए नमूनों की संख्या मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) कार्यालय द्वारा निर्धारित किए गए लक्ष्य से कम है. हालांकि इस दौरान एक स्वास्थ्य कार्यकर्ता उसे सलाह भी देता है कि वह अपने इतने सारे परीक्षण न कराए, क्योंकि ऐसा करने से वह मुसीबत में फंस सकता है.
आइसोलेट हुए कोरोना पॉजिटिव रोगियों के हस्ताक्षर भी नकली
इसी सामुदायिक केंद्र के एक अन्य डॉक्टर अमित ने इस मामले में सीएमओ से शिकायत की. अमित ने बताया कि उन्हें 27 जुलाई को कोविड-19 के नमूने लेने का काम सौंपा गया था. उन्होंने आरोप लगाया कि सीएचसी प्रभारी योगेंद्र सिंह राणा ने उन सभी संविदा कर्मचारियों पर दबाव बनाया कि यदि मरीज नमूना देने केन्द्र पर नहीं आ रहे तो वे फर्जी नमूने लें. क्योंकि नमूनों का लक्ष्य पूरा न होने पर उनका कॉन्ट्रेक्ट खत्म कर दिया जाएगा. इतना ही नहीं अमित ने यह भी कहा है कि होम आइसोलेट हुए कोरोना पॉजिटिव रोगियों के हस्ताक्षर भी नकली हैं.
अतिरिक्त सीएमओ राजीव गुप्ता ने कहा है, "इस मामले की जांच की जा रही है. स्वास्थ्य अधिकारी यदि दोषी पाया जाएगा तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी."
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