हेमा मालिनी ने बॉलीवुड में अपना पहला कदम राजकपूर के साथ सन् 1968 में बनी फिल्म सपनों का सौदागर से रक्खा था। शुरुआत में उनका फिल्मी करियर कुछ खास शुरु नहीं हुआ था, लेकिन बाद में जाकर हेमा ने खुद को ड्रीम गर्ल के तौर पर बॉलीवुड में स्थापित किया। क्या आपको पता है आखिर किस फिल्म से हेमा मालिनी का फिल्मी ग्राफ उपर बड़ा था? इस स्टोरी में हम आपको बताने जा रहे हैं किस तरह उनको ड्रीम गर्ल का टाइटल मिला।



हेमा मालिनी और शशि कपूर की फिल्म ‘अभिनेत्री’ को पूरे 50 साल हो गए हैं। ये वो दौर था जब हेमा मालिनी ने अपनी खूबसूरती के साथ साथ अपने अभिनय से भी लोगों को प्रभावित किया। सायरा बानो और राखी को फिल्मों में लीड रोल देने वाले सुबोध मुखर्जी की नजर जब हेमा मालिनी पर पड़ी तो वो ऐसे किरदारों की तलाश में थी, जो उनके भीतर की अभिनेत्री को बाहर ला सकें। साल 1970 में हेमा मालिनी की पांच फिल्में रिलीज हुईं और पांचों में उनके किरदार एक दूसरे से बिल्कुल अलग-अलग थे।



हेमा मालिनी की फिल्मों में एंट्री बतौर क्लासिकर डांसर हुई थी। सपनों का सौदागर की हीरोइन बनने से पहले वो एक तमिल और एक तेलुगू फिल्म कर चुकी थीं। फिल्म ‘अभिनेत्री’ में हेमा मालिनी नर्तकी बनी हैं जिन्हें एक वैज्ञानिक से प्यार हो जाता है। दोनों शादी करते हैं और खुशी खुशी घर में रहने लगते हैं। दोनों के बीच मनमुटाव होता है तो पत्नी के भीतर की नर्तकी जाग जाती है।



वह फिर से स्टेज पर जाना चाहती हैं जो पारंपरिक ख्यालों वाले वैज्ञानिक को मंजूर नहीं होता। सुबोध मुखर्जी ने उन्हें वाकई में एक अभिनेत्री के तौर पर इस फिल्म में गढ़ा है। और जिसकी चमक हेमा मालिनी ने जल्दी ही दिखाई फिल्म सीता और गीता के लिए अपना पहला और आखिरी फिल्मफेयर अवार्ड फॉर बेस्ट एक्ट्रेस जीतकर। अभिनय और निर्देशन के अलावा फिल्म ‘अभिनेत्री’ का संगीत भी लाजवाब रहा। फिल्म में आशा भोसले, किशोर कुमार और महेंद्र कपूर ने भी सुरों का रस जमाया है।



हेमा मालिनी की अपनी फेवरिट फिल्मों से ये एक रही है। इस फिल्म के बारे में एक इंटरव्यू के दौरान कहा था कि, ‘हिंदी सिनेमा में मेरे सीखने के जितने भी साल रहे, वह बहुत अच्छे रहे। मुझे हमेशा से ये लगता रहा कि ईश्वर मेरी हर पल मदद कर रहा है। कोई हीरोइन एक बार हिट हो जाए तो उसके पास अच्छे निर्देशकों की कमी नहीं होती लेकिन शुरूआती सालों में जब हिट फिल्में बनाने वाले निर्देशक आपके साथ खड़े होते हैं तो आपका हौसला भी बढ़ता है और हिम्मत भी।’