गोरखपुर पहुंची पहली ऑक्सीजन एक्सप्रेस, 40 मीट्रिक टन आक्सीजन लाने को बनाया गया ग्रीन कॉरिडोर
गोरखपुर के लोगों को ऑक्सीजन की किल्लत की वजह से काफी परेशानी उठानी पड़ी है. ऐसे में 15 मई को पहली ऑक्सीजन एक्सप्रेस गोरखपुर पहुंची. गोरखपुर के जिलाधिकारी के. विजयेन्द्र पांडियन ने बताया कि 12 घंटे में ऑक्सीजन पहुंच गई. काशीपुर और बोकारो से ऑक्सीजन मिलता था. अब 2000 सिलिंडर से 8000 सिलिंडर की क्षमता हो गई है.
गोरखपुर में वैश्विक महामारी कोरोना की दूसरी लहर कहर बरपा रही है. ऐसे में ऑक्सीजन की कमी ने भी कई सवाल खड़े किए हैं. दर्जनों ऐसे मरीज रहे हैं जिन्हें ऑक्सीजन की कमी की वजह से अपनी जान गंवानी पड़ी है. ऑक्सीजन को लेकर शहर से लेकर गांव तक में हाहाकार मचा रहा है. कोरोना की दूसरी लहर के प्रकोप के पूरे एक माह बाद यानी 15 मई को पहली ऑक्सीजन एक्सप्रेस गोरखपुर पहुंची है. इससे यहां पर कोरोना के बढ़ते प्रकोप की वजह से ऑक्सीजन की कमी को पूरा किया जा सकेगा. ऑक्सीजन को गोरखपुर लाने में 12 घंटे का समय लगा. इससे यहां पर ऑक्सीजन की उपलब्धता को सुनिश्चित किया जा सकेगा.
गोरखपुर के लोगों को ऑक्सीजन की किल्लत की वजह से काफी परेशानी उठानी पड़ी है. आम इंसान से लेकर अस्पताल और घरों में अपने परिजनों को ऑक्सीजन पर रखने वाले लोगों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ा है. ऑक्सीजन की कमी की वजह से कई लोगों ने अपनों को खो दिया है. यही वजह है कि पहली ऑक्सीजन एक्सप्रेस का लोगों को बेसब्री से इंतजार रहा है. पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर से ऑक्सीजन एक्सप्रेस ऑक्सीजन लेकर 11.52 पर रवाना हुई और 15 मई को गोरखपुर पहुंच गई.
गोरखपुर के जिलाधिकारी ने दी ये जानकारी
गोरखपुर के जिलाधिकारी के. विजयेन्द्र पांडियन ने बताया कि 12 घंटे में ऑक्सीजन पहुंच गई. काशीपुर और बोकारो से ऑक्सीजन मिलता था. अब 2000 सिलिंडर से 8000 सिलिंडर की क्षमता हो गई है. हम ऑक्सीजन के सरप्लस में हैं. गोरखपुर के साथ 15 जिलों को ऑक्सीजन की सुविधा दी जा रही है. तीन ऑक्सीजन प्लांट चल रहे हैं. मोदी, आरके ऑक्सीजन के अलावा अन्नपूर्णा ऑक्सीजन को शुरू कर दिया गया है. छोटे-छोटे 20 ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट हर 5 किलोमीटर पर लगाए जा रहे हैं. एल-1 और एल-2 लेवल का रहेगा. ग्रामीण और शहरी इलाके में. अगली वेब अगस्त में आ सकती है ऐसे में हम उसी के हिसाब से तैयारी पूरी कर रहे हैं.
ऑक्सीजन एक्सप्रेस से लाया गया 40 मीट्रिक टन ऑक्सीजन
गोरखपुर के एडीएम वित्त और राजस्व राजेश कुमार सिंह ने बताया कि 40 मीट्रिक टन ऑक्सीजन गोरखपुर पहली ऑक्सीजन एक्सप्रेस के माध्यम से लाया गया है. यहां पर दो ऑक्सीजन फैक्ट्री मोदी कैमिकल्स और आरके ऑक्सीजन को 20-20 मीट्रिक टन ऑक्सीजन दे दिया जाएगा. हमारी हर दिन 50 मीट्रिक टन की खपत है. इससे कल सुबह तक की हमारी जरूरत पूरी हो जाएगी. हमारे पास तीन ऑक्सीजन टैंकर हैं. जो बोकारो और काशीपुर से नियमित ऑक्सीजन लाते हैं. ये एडिशनल ऑक्सीजन मिल जाएगा. अभी ये मंगाया गया है. आगे जरूरत पड़ेगी, तो और मंगाया जाएगा. अभी चार ऑक्सीजन प्लांट चल रहे हैं. वहां ऑक्सीजन की जरूरत होती है. संतकबीरनगर के मयूर ऑक्सीजन को भी कुछ ऑक्सीजन दी जाएगी.
पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर से चली थी पहली ट्रेन
पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह ने बताया कि पहली ऑक्सीजन एक्सप्रेस शुक्रवार रात 11.52 बजे पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर से 40 मीट्रिक टन लिक्विड ऑक्सीजन लेकर चली है. उन्होंने बताया कि पहली ऑक्सीजन एक्सप्रेस नकहा रेलवे स्टेशन पहुंची है. इस ऑक्सीजन एक्सप्रेस के यहां पहुंचने से यहां पर पहुंचने से यहां के लोगों को काफी राहत मिलेगी. इसके पूर्व वाराणसी डिवीजन के माधवपुर रेलवे स्टेशन पर 120 मीट्रिक टन ऑक्सीजन ट्रेन के माध्यम से पहुंचाया गया है. पूर्वोत्तर रेलवे निरंतर आमजन के लिए बेहतर कार्य करने के साथ उचित परिवहन व्यवस्था उपलब्ध करा रहा है. वहीं, आरके ऑक्सीजन के ऑनर कुशाग्र जायसवाल ने बताया कि अभी यहां पर लिक्विड ऑक्सीजन आई है. प्रशासन और जिलाधिकारी के माध्यम से लगभग 40 मीट्रिक टन ऑक्सीजन आई है. ट्रेन के माध्यम से आई है. जो कि बहुत बड़ी बात है. गोरखपुर में सीएम योगी आदित्यनाथ और प्रशासन की तरफ से भेजकर इतना बड़ा योगदान दिया है.
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