सोशल मीडिया पर एक वीडियो इन दिनों जमकर वायरल हो रहा है. इस वीडियो में टोल प्लाजा पर टोल मैनेजर और एक जज के बीच जमकर बहस होती नजर रही है. वीडियो में जहां जज अपना परिचय देकर टोल देने से बचते नजर आ रहे हैं तो वहीं मैनेजर उन्हें टोल एक्ट का हवाला देकर टोल देने पर जोर देते हुए जज को कानून का पाठ पढ़ा रहे हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक वीडियो कोरोना काल का बताया जा रहा है .


कार में बैठे जज टोल टैक्स देने से कर देते हैं मना


वीडियो फुटेज टोल प्लाजा पर लगे सीसीटीवी कैमरों की है और ऑडियो मोबाइल फोन पर रिकॉर्ड किया गया है. वीडियो में एक मारुति सुजुकी एर्टिगा को टोल प्लाजा की एक लेन में एंट्री करते देखा जा सकता है. यह टोल प्लाजा उत्तर प्रदेश के बरेली और मुरादाबाद के बीच स्थित है. वीडियो में दिखाया गया है कि जैसे ही कार रुकती है, ड्राइवर बूथ संचालक को एक पहचान पत्र सौंप देता है. ऑपरेटर कहता है कि वे टोल के भुगतान में छूट के पात्र नहीं हैं. इसके बाद वह हाथ हिलाकर सुपरवाइजर को बुलाता है.





टोल टैक्स चुकाने को लेकर मैनेजर की होती है जज से बहस


सुपरवाइजर भी आईडी कार्ड देखने के बाद ड्राइवर को कहता है कि उन्हें टोल टैक्स भरना ही पड़ेगा और वे छूट के पात्र नहीं हैं. इसके बाद कार के अंदर बैठे एक शख्स द्वारा सुपरवाइजर को बुलाकर उसका आईडी कार्ड मांगा जाता है. वे दोनों कुछ देर तक बात करते हैं लेकिन सुपरवाइजर उन्हें बिना टोल दिए जाने नहीं देता है. इसके बाद सुपरवाइजर अपने मैनेजर को बुलाता है. वहीं जब मैनेजर पहुंचता है तो कार में बैठा शख्स बताता है कि वह एडीजे हैं और उन्हें बिना टोल दिए जाने दिया जाए लेकिन मैनेजर भी साफ मना कर देता है. मैनेजर कहता है कि उन्हें टोल टैक्स देना ही होगा, लेकिन जिला जज जिद पर अड़ जाते हैं. इसके बाद मैनेजर भी सख्त लहजे में कहते नजर आता है कि नियम से बढ़कर न्यायालय भी नही है. मैनेजर इस दौरान कहते सुना जाता है कि देश में लोगों के पास अधिकार हैं, लेकिन अधिकारों का फायदा उठाने वालों की कमी नहीं है. आप 80 रुपये दीजिए. यहां आपको टोल देना ही होगा. अगर आप इतने कलचर्ड होते तो पहले पेमेंट देते फिर साइड में गाड़ी लगाते.


टोल मैनेजर जिला जज को पढ़ाता है कानून का पाठ


वहीं जिला जज अपनी नौकरी का रौब दिखाते हुए कहते है कि वह राजस्थान और मध्य प्रदेश से होकर आ रहे हैं और उन्होंने वहां भी टोल नहीं दिया था. इस पर टोल मैनेजर कहते हैं कि अधिकारों के मुताबिक हाईकोर्ट के जज के लिए टोल देना माफ है लेकिन आप जिला कोर्ट हैं और आपने अपनी जिद की वजह से लेन भी जाम कर दी है. मैनेजर आगे कहता है कि आप जैसे लोग पता नहीं कहां बैठ गए हैं. सच ये है कि बिना आत्मा के आदमी न्यायालय में बैठे इससे बेहतर उसे निकाल देना चाहिए.


सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है वीडियो


2मिनट 20 सेकेंड के इस वीडियो में टोल मैनेजर जिला जज को नियम कानून का पाठ पढ़ाता नजर आया. आखिर में जज को 80 रुपये टोल टैक्स चुकाना ही पड़ा. बता दें टोल मैनेजर का जिला जज को कानून का पाठ पढ़ाने का ये वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है. इसे अब तक 3 लाख से ज्यादा बार देखा जा चुका है.


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