लखनऊ. अयोध्या में बनने वाली मस्जिद कॉम्पलेक्स का नक्शा और डिजाइन आज पेश किया जाएगा. सब कुछ ठीक रहा तो मस्जिद निर्माण का कार्य 26 जनवरी यानी गणतंत्र दिवस के दिन से शुरू किया जा सकता है. इस संबंध में ट्रस्ट ने आज बैठक बुलाई है. बैठक में मस्जिद कॉम्पलेक्स के कंसलटेंट ऑर्किटेक्ट प्रो. एसएम अख्तर व म्यूजियम के सलाहकार पुष्पेश पंत को भी बुलाया गया है.
बता दें कि सुन्नी वक्फ बोर्ड ने आवंटित पांच एकड़ जमीन पर बनने वाली मस्जिद के निर्माण के लिए 6 महीने पहले इंडो-इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन (आईआईसीएफ) का गठन किया था. सुन्नी वक्फ बोर्ड ने जमीन पर मस्जिद, अस्पताल, म्यूजियम सहित अन्य चीजें विकसित करने के लिए आईआईसीएफ ट्रस्ट बनाया है.
2 हजार लोग नमाज अदा कर सकेंगे
कंसलटेंट ऑर्किटेक्ट प्रो. एसएम अख्तर ने इसे अंतिम रूप दे दिया है. इस परिसर में एक मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल, एक सामुदायिक रसोई और एक पुस्तकालय होगा. अख्तर ने बताया था, ''मस्जिद में एक समय में 2,000 लोग नमाज अदा कर सकेंगे और इसका ढांचा गोलाकार होगा.'' अख्तर ने कहा कि नई मस्जिद बाबरी मस्जिद से बड़ी होगी, लेकिन उसी तरह का ढांचा नहीं होगा. परिसर के मध्य में अस्पताल होगा. पैगंबर ने 1400 साल पहले जो सीख दी थी उसी भावना के अनुरूप मानवता की सेवा की जाएगी. उन्होंने कहा, ''अस्पताल महज कंक्रीट का ढांचा नहीं होगा बल्कि मस्जिद की वास्तुकला के अनुरूप इसे तैयार किया जाएगा. इसमें 300 बेड की स्पेशलिटी इकाई होगी जहां डॉक्टर बीमार लोगों का मुफ्त इलाज करेंगे.'' उन्होंने कहा कि मस्जिद का निर्माण इस तरह से होगा कि इसमें सौर ऊर्जा के निर्माण की भी व्यवस्था की जाएगी.
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल 9 नवंबर को अयोध्या में विवादित रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद स्थल पर राम मंदिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त कर दिया था और केंद्र को मस्जिद निर्माण के लिए सुन्नी वक्फ बोर्ड को पांच एकड़ जमीन मुहैया कराने का निर्देश दिया था. राज्य सरकार ने अयोध्या की सोहावाल तहसील के धन्नीपुर गांव में पांच एकड़ जमीन आवंटित की थी.
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