गोरखपुरः कहते हैं कि कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो हिमशिखर भी नतमस्तक हो जाते हैं. ये कहावत गोरखपुर के युवा पर्वतारोही 24 वर्षीय नीतीश पर एकदम सटीक बैठती है. नीतीश 15 अगस्त को यूरोप महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी माउंट एलब्रुस को फतह कर के गोरखपुर के साथ देश का नाम भी रोशन किया है.
लोकसभा अध्यक्ष ने दिया था तिरंगा
इस अभियान के लिए पर्वतारोही नीतीश को भारत के लोकसभा अध्यक्ष स्पीकर मा० ओम बिरला जी ने अपने दिल्ली आवास पर भारत का गौरव तिरंगा झंडा देकर माउंट एल्ब्रुस को फतह करने के लिए रवाना किया था. नीतीश सिंह गोरखपुर से 7 तारीख को अपने मिशन के लिए निकल चुके थे. 10 अगस्त को वह यूरोप महाद्वीप के रसिया के मास्को शहर पहुंचे. इसके बाद इन्होंने 11 अगस्त को यूरोप के सबसे ऊंची चोटी माउंट एल्ब्रुस की चढ़ाई की शुरुआत की. वह 13 अगस्त को माउंट एल्ब्रुस के बेस कैंप 3850 मी. तक पहुंच गए थे.
-25 डिग्री तापमान में की चढ़ाई
14 अगस्त की रात जब सारे हिंदुस्तान के लोग सो रहे थे तब नीतीश रात के 11:30 बजे से माउंट एल्ब्रुस को फतह करने के लिए निकल चुके थे. रात के समय ऊपर की चोटी पर करीब 80 से 100 की रफ्तार से हवाएं चल रही थीं. शरीर जमा देने वाला माइनस -25 डिग्री का तापमान भी था, लेकिन वह नीतीश का हौसला नहीं डगमगा सकीं. नीतीश ने 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के दिन सुबह 8:50 पर यूरोप महाद्विप के सबसे ऊंची चोटी माउंट एल्ब्रुस (5842मीटर) पर भारत का गौरव तिरंगा फहराया.
नीतीश ने बताया कि लक्ष्य को फतह करना उनके लिए बहुत ही जरूरी था, चढ़ाई करते समय बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ा. माइनस -25 डिग्री तापमान और ऊपर से बर्फबारी होने की वजह से शरीर पूरी तरह से जमने लगा था, बर्फबारी की वजह से दिमाग भी पूर्ण रूप से काम नहीं कर रहा था. करे तो करे क्या लेकिन हार तो माननी नहीा थी दिमाग को स्थिर रखते हुए चढ़ाई शुरू किया और अपने लक्ष्य पर पहुच कर भारत का तिरंगा लगाया.
इस पर्वत की चढ़ाई के पीछे भी उनका दो मकसद है
नीतीश बताते हैं कि उन्होंने 5842 मी की चढ़ाई की है. वह गोरखपुर आने के बाद 5842 महिला और लड़कियों को जागरूक करने के लिए सैनेटरी पैड का वितरण दिल्ली की संस्था प्रोजेक्ट बाला के साथ करेगे. वहीं जितने भी मेडिकल स्टाफ कोरोना में लोगों के लिए अपने जान की बाजी लगाकर उनकी सुरक्षा के लिए दिन रात एक किया है, उनके सम्मान में इस पहाड़ की चढ़ाई की है. यह उपलब्धि उन्हें समर्पित है.
हर बार जनजागरूकता का संदेश देने वाले युवा पर्वतारोही नीतीश सिंह इस बार अंतरराष्ट्रीय पहाड़ से वैश्विक महामारी और मासिक धर्म के जागरूकता का संदेश दिया है. उसके साथ स्वच्छ भारत, स्वच्छ गोरखपुर और फिट इंडिया, फिट गोरखपुर का भी संदेश दिया. इस अभियान में नोवा जायसवाल इंटरप्राइजेज, प्रोजेक्ट बाला दिल्ली संस्था और सिम्पली स्पोर्ट्स फाउंडेशन ने सहयोग किया.
अभी तक इन चोटियों पर लहराया तिरंगा और जन जागरूकता के लिए संदेश
1. 2016 में दिल्ली में 1 साल का प्रशिक्षण लिया.
2. 2018 में माउंट एवरेस्ट पर 17598 फिट बेस कैंप से बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का संदेश दिया.
3. 2018 लेह लद्दाख स्थित माउंट स्टॉक कांगड़ी 6124 मीटर से सर्व शिक्षा अभियान, सब पढ़े सब बढ़े का संदेश दिया.
4. 2019 अरुणाचल प्रदेश स्थित मीराथांग ग्लेशियर 16600 फीट की चढ़ाई की.
5. 2019 मध्यप्रदेश के इंदौर में आयोजित अंतरराष्ट्रीय स्पोर्ट क्लाइंबिंग में उत्तर प्रदेश का प्रतिनिधित्व किया.
6. 2020 उत्तराखंड में स्थित 9000 फीट की पीनट चोटी पर चढ़े.
7. 2020 माउंट रूद्र गैरा उत्तराखंड 19081 फीट की चढञाई की.
8. अफ्रीका महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी माउंट किलिमंजारो पर फहराया तिरंगा. किन्नर समुदाय को जोड़ने का संदेश दिया.
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर शहर के लाल के नाम से जाने जानेवाले युवा पर्वतारोही नीतीश सिंह, राजेंद्र नगर पश्चिमी न्यू कॉलोनी के निवासी हैं. नीतीश सिंह दिल्ली यूनिवर्सिटी के किरोड़ीमल्ल कॉलेज से बीकॉम की पढ़ाई की, फिलहाल वह इंटीग्रल विश्वविद्यालय लखनऊ से एम.बी.ए. प्रथम वर्ष के छात्र हैं.
आपको बता दें कि नीतीश इसी 26 जनवरी को अफ्रीका महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी माउंट किलिमंजारो को फतह कर अपने देश का गौरवशाली तिरंगा फहराया था. इसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तिरंगा प्रदान किया था.
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