वाराणसी, नितीश कुमार पाण्डेय। कोरोना के संकट से आज पूरा विश्व जूझ रहा है। भारत में तमाम प्रयास के बावजूद कोरोना का संकट समाप्त होने का नाम नहीं ले रहा है। ऐसे में काशी के शास्त्रीय संगीतकारों ने कोरोना को हराने की मुहिम छेड़ी हुई है। काशी के संगीतकार अब संगीत विद्या के माध्यम से कोरोना पर विजय पाने के प्रयास में जुट गए हैं। रोजाना ये कलाकार सुबह और शाम तीन से चार घण्टे विशेष प्रकार की धुन बजाते हैं। इसके साथ ही, तबले से डमरू बजाते हैं, इनका संकल्प है कि ये इस साधना को कोरोना के खात्मे तक जारी रखेंगे।
कबीरचौरा काशी संगीत के घराने ने कोरोना को हराने की ठानी
काशी संगीत घराने से जुड़े कांता प्रसाद मिश्र शास्त्रीय संगीतकार वैसे यो संगीत की विधा के धनी हैं, लेकिन कोरोना को हराने के लिए इन्होंने इन दिनों सितार थाम रखा है। सितार के साथ अन्य सहयोगियों को जोड़कर झाला बजाया जा रहा है। कहा जाता है कि इससे प्रकृति में वायरस के समापन का कंपन्न उतपन्न होता है और यहीं कोरोना का नाश करेगा। चूंकि काशी भगवान शिव की नगरी है, तो तबला वादक रजनीश मिश्र तबले पर डमरू धुन पर बजाकर कोरोना से निजात का प्रयास कर रहे हैं।
कोरोना की समाप्ति तक जारी रहेगी संगीत साधना
काशी वैसे तो धार्मिक नगरी है लेकिन अगर साधक यहां कभी किसी चीज को ठान लेते हैं, तो उसे पूरा करके ही दम लेते हैं। तो काशी के इन संगीत साधकों ने कोरोना को भगाने के संकल्प के साथ ही संगीत की साधना शुरू की है, रोजाना आठ घण्टे ये साधना जारी है और इनका ये संकल्प है कि जब तक कोरोना समाप्त नहीं हो जाता ये जारी रहेगी।
भगवान शिव से आह्वान
महादेव के तांडव नृत्य की कथाओं पर गौर करें तो ये ब्रह्मांड के खात्मे का संदेश भी होता है लेकिन काशी के ये संगीतकार महादेव की नगरी में भगवान कृष्ण के मंदिर से संगीत की विशेष विधा द्वारा महादेव का आह्वान कर रहे हैं कि वो कोरोना के लिए तांडव करें और उसे समाप्त करें।
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