UP News: रामपुर के आखिरी नवाब रजा अली खान की करोड़ों की संपत्ति बंटवारे के मामले में आखिरकार रामपुर कोर्ट ने फैसला सुना दिया है जिसके तहत नवाब की 2600 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति को नवाब के 16 वारिसों में बांटा जाना है.
सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार 31 जुलाई 2019 को रामपुर जिला जज की कोर्ट को रामपुर रियासत के अंतिम शासक नवाब रजा अली खान की संपत्ति को इस्लामी शरीयत के अनुसार उनके वारिसों में बटवारा करने के निर्देश दिए गए थे. जिसके बाद सर्वे और एडवोकेट कमिश्नर द्वारा करीब सवा साल में संपत्ति का मूल्यांकन कर रिपोर्ट कोर्ट में सौंपी गई थी. कोर्ट ने सर्वे रिपोर्ट के आधार पर ही 15 जुलाई 2021 को सभी वारिसों को प्रस्तावित विभाजन योजना को पेश करते हुए आपत्ति मांगी थी. आपत्तियों के निस्तारण के बाद संपत्ति बंटवारे को लेकर 34 पन्नों का फैसला सुना दिया गया.
बंटवारे की पूरी प्रक्रिया होने में 2 साल 4 माह का समय लगा
बता दें कि बंटवारे की इस पूरी प्रक्रिया के होने में 2 साल 4 माह का समय लगा. जिला जज रामपुर की कोर्ट ने रियासत के अंतिम शासक रजा अली खान की संपत्ति को लेकर सुनाए गए फैसले की एक कॉपी और प्रस्तावित विभाजन योजना को सुप्रीम कोर्ट को भेजा है.
बंटवारे में नवाब की कुल संपत्ति को शामिल किया गया
संपत्ति के बंटवारे की प्रस्तावित विभाजन योजना में नवाब की कुल संपत्ति को शामिल किया गया है. इसमें कोठी खास बाग पैलेस मंसूरपुर गांव, बेनजीर अब आने रफत खास बाग पैलेस का मुख्य भवन और भवन के सभी फिटिंग बैटरी बेनजीर बाग, अलीगंज बेनजीर किशनपुर अटारिया वापस या पूरा शुमाली बेनजीर भवन, सभी पिक्चर फिटिंग्स, फलों के पेड़ समेत नवाब रेलवे स्टेशन की भूमि नवाब रामपुर का सैलून (ट्रेन कोच), शस्त्र कुंडा टोटल भीतरगांव मंगोली व शाहबाद की भूमि जिसमें शाहबाद किला भवन फिटिंग पिक्चर आर्म्स ,आयातित कार, फर्नीचर पेंटिंग्स एयर कंडीशनिंग प्लांट व अन्य आइटम समेत कई चल अचल संपत्ति हैं.
संपत्ति बंटवारे के मुकदमे की शुरुआत 1972 में हुई थी
आपको बता दें इस संपत्ति बंटवारे के मुकदमे की शुरुआत 1972 में हुई थी जिसके बाद सन 1996 में हाई कोर्ट ने फैसला सुनाया जिसमें राजशाही परंपरा को सही माना गया. हाईकोर्ट के फैसले के बाद नवाब परिवार के सदस्यों ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की, और सुप्रीम कोर्ट ने 31 जुलाई 2019 को रामपुर जिला जज कोर्ट को शरीयत के अनुसार वारिसों में संपत्ति बंटवारे के आदेश दिए. सुप्रीम कोर्ट द्वारा 31 दिसंबर 2020 तक की मियाद तय की गई थी लेकिन कोरोना संक्रमण काल में सुनवाई प्रक्रिया बाधित होने के चलते समय आगे बढ़ गया.
नवाब की चल अचल संपत्ति की कीमत 2600 करोड़ से ज्यादा आंकी गई
वही सर्वे कमिश्नर और एडवोकेट स्तर के मूल्यांकन में नवाब की चल अचल संपत्ति की कीमत 2600 करोड़ से अधिक आंकी गई. जिनमें से जैसे कोठी खास बाग पैलेस और उससे जुड़े 33 भवनों की कीमत क्रमश: लगभग 2136.70 लाख रुपए और 595.90 लाख रुपए आंकी गई है. इसी तरह खास बाग का धोबी घाट करीब 260.80 लाख खास बाग के फल वृक्ष करीब 86.51 लाख खास बाग के टिंबर पेड़ करीब 19.70 लाख बेनजीर बाग 22.70 लाख बेनजीर बाग के वृक्षों की कीमत 9.64 लाख कुंडा फिशपॉन्ड और संबंधित भवनों की कीमत लगभग 5.80 लाख रुपए शाहबाद कोठी और संबंधित भवनों की कीमत 156.40 लाख रुपए और नवाब स्टेशन व यार्ड 18.50 लाख रुपए कीमत आंकी गई है.
कुछ प्रमुख चल संपत्तियों की ये है कीमत
इसके अलावा कुछ प्रमुख चल संपत्तियों में करीब 107 विभिन्न प्रकार के हथियार जिनकी अनुमानित कीमत 38.10 लाख रुपए, 16 आयतित विंटेज कार जिनकी कीमत करीब एक करोड़ 99 लाख 25 हजार 44 कूलिंग एंड हिटिंग कंडीशनिंग प्लांट संबंधित सामग्री करीब 2.50 लख रुपए की है इसके साथ ही नवाब का सैलून एवं संबंधित चीजें 5 करोड़ 89 लाख 62 हजार रुपए इसके अलावा अलमारी फुटमेट कुर्सी मेज कारपेट ड्रेसिंग केबिनेट पर्दे पंखे पेंटिंग्स बेड और अन्य महल बाथरूम हॉल आदि के प्रयोग की गई अंतिम शासक की चल संपत्तियां करीब 4843.96 लाखों रुपए की है.
नवाब संपत्ति विवाद के मामले में तकरीबन 49 सालों की कानूनी लड़ाई के बाद यह साफ हुआ है कि संपत्ति का कितना भाग या शेयर प्रत्येक वारिस के हिस्से में आएगा.
ये भी पढ़ें