डॉलीबाग में बेनामी संपत्ति पर कब्जे के मामले में बयान दर्ज कराने पहुंचे बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास और उमर पुलिस के सवालों से जरा भी नहीं घबराए. कुर्सी पर आराम से बैठे दोनों भाई बिसलेरी का पानी पीते रहे और हर सवाल का घुमा फिराकर जवाब देते रहे. हजरतगंज पुलिस ने उनसे करीब ढाई घण्टे तक 50 से ज्यादा सवाल किए. उमर और अब्बास के खिलाफ इस मामले में हजरतगंज कोतवाली में धोखाधड़ी की धाराओं में मुकदमा दर्ज है. मुकदमे के बाद से दोनों गायब चल रहे थे. उनके सामने न आने पर पुलिस के 25-25 हज़ार रुपये का इनाम भी घोषित किया था. हाल ही में दोनों ने हाईकोर्ट से स्टे ले लिया. स्टे मिलने पर सोमवार को दोनों अपने वकीलों और समर्थकों का फौज-फाटा लेकर बयान दर्ज कराने हजरतगंज कोतवाली पहुंचे. पुलिस ने दोनों भाइयों से करीब 50 सवाल पूछे, जिनका वह घुमा फिराकर जवाब देते रहे.


अब्बास ने दिए सारे सवालों के जवाब 


विवेचक के सामने उमर खामोश बैठा रहा. सारे सवालों का जवाब अब्बास ने दिया. सवाल-जवाब के दौरान अब्बास का अंदाज बेतकल्लुफ भरा रहा. विवेचक को उसने संपत्ति से संबंधित दस्तावेज दिखाए. बताया कि जिस संपत्ति पर कब्जे को लेकर केस दर्ज किया गया है, वह दरअसल उसके खानदान की ही है.


पुलिस सूत्रों ने बताया कि जमीन के मालिकाना हक के सवाल पर अब्बास ने कहा कि जमीन रिश्तेदार मो. वसीम की थी जो कई साल पहले पाकिस्तान चले गए थे. साथ ही बताया कि अब्बास ने जमीन के कागजात कोर्ट के समक्ष पेश करने की जानकारी देते हुए उसकी कॉपी सामने रख दी. परिवार के सदस्यों से जमीन सिर्फ अब्बास और उमर को देने से संबंधित सहमति के बारे में पूछने पर अब्बास ने कहा कि अफजल अंकल और हमारा घर कोई अलग थोड़े ही है. उसने कहा कि जिस परिवार में विवाद होता है, वहीं ऐसी छोटी मोटी बातें होती हैं. उसने यह भी कहा कि इस बात पर डिस्कशन-डिबेट जरूरी नहीं. ढाई घण्टे तक बयान दर्ज कराने के बाद दोनों कोतवाली से चले गए. इस दौरान मीडिया ने उनका पक्ष जानने की कोशिश की तो उन्होंने तमाशा न बनाने की बात कही और आगे बढ़ गए.


पुलिस को नहीं मिल सका संतोषजनक जवाब 


उधर, पुलिस अधिकारियों का कहना है कि अब्बास और उमर से कई सवाल किए गए पर वह किसी का भी संतोषजनक जवाब नहीं दे सके. ना ही जमीन से संबंधित कोई दस्तावेज दिखा सके. मालूम हो कि बीते साल अगस्त में इस मामले में एलडीए के लेखपाल सुरजन लाल की तरफ से अब्बास और उमर के खिलाफ धोखाधड़ी को धाराओं में एफआईआर दर्ज कराई गई थी. एलडीए की प्रवर्तन टीम ने अवैध रूप से बनाये गए उनके 2 टॉवर भी ध्वस्त कर दिए थे.


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