लखनऊ, शैलेश अरोड़ा। एक तरफ गांधी सन्देश यात्रा तो दूसरी तरफ अनुशासनहीनता के चलते हुई भगदड़। गांधी जयंती के अवसर पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा की अगुवाई में पैदल मार्च निकाला गया। पैदल मार्च की शुरुआत में जब प्रियंका गांधी शहीद स्मारक पहुंची तो उनसे मिलने के लिए कार्यकर्ताओं में धक्का मुक्की शुरू हो गई। ऐसे में प्रियंका की सुरक्षा में लगी एसपीजी और लोकल पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी। इस धक्का मुक्की और भगदड़ में कार्यकर्ताओं के साथ ही मीडिया कर्मी भी चोटिल हुए। कई मीडिया कर्मियों के कैमरे भी टूटे। प्रियंका गांधी ने मौके पर चोटिल हुए पत्रकारों से रुक कर बात की और हाल चल पूछा।


धक्का मुक्की में घायल हुए पत्रकार और कार्यकर्त्ता
प्रियंका गांधी का पैदल मार्च दोपहर 12 बजे शहीद स्मारक से शुरू होना था। लेकिन प्रियंका तय कार्यक्रम से करीब एक घंटे देरी से कार्यक्रम स्थल पर पहुंची। प्रियंका से मिलने के लिए बड़ी संख्या में कार्यकर्त्ता उनकी तरफ जाने लगे। कोई उनके पैर छूना चाहता था तो कोई साथ में सेल्फ़ी। बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं के प्रियंका की तरफ जाने से एसपीजी को उन्हें हटाने के लिए धक्के देने पड़े। इसकी वजह से मची भगदड़ में कार्यकर्ताओं के साथ ही मीडिया कर्मी भी घायल हुए।


अनुशासनहीनता नहीं कार्यकर्ताओं का अति उत्साह: आराधना मिश्र
कार्यक्रम के दौरान हुई भगदड़ को लेकर पार्टी की विधायक आराधना मिश्र ने कहा की कार्यकर्ताओं में अति उत्साह था लेकिन कोई अनुशासनहीनता नहीं हुई। उन्होंने कहा की जो अनुमान लगाया गया था उससे अधिक कार्यकर्त्ता पहुंचे।


गांधी संदेश यात्रा के साथ संघर्ष यात्रा भी
इस मौके पर प्रियंका गांधी ने कहा कि भाजपा कुछ भी कर ले सत्य पर चलना गांधी जी का आदेश था। पहले सत्य के पथ पर चलें फिर गांधी जी की बात करें। उन्होंने कहा की गांधी जयंती के उपलक्ष्य में है ये यात्रा। मुख्य उद्देश्य तो यही है कि हमें गांधी जी के दिखाए मार्ग पर चलना चाहिए। लेकिन जो शाहजहांपुर का मामला है। जो कुछ दिन पहले हमने वहां प्रदर्शन किया और रोक गया उसके लिए भी हम आज संघर्ष कर रहे हैं। हमारी मांग है कि जो आरोपी हैं उनके खिलाफ बलात्कार का मुकदमा दर्ज हो।


बिना पार्टी कार्यालय गए ही वापस लौटी प्रियंका
इसके बाद प्रियंका गांधी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं साथ पदयात्रा करते हुए शहीद स्मारक से हजरतगंज स्थित गांधी प्रतिमा तक गई। इस दौरान हजारों कार्यकर्त्ता भी साथ थे। प्रियंका ने गांधी जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और बिना पार्टी कार्यालय गए ही वापस लौट गयीं। जबकि पहले तय शेड्यूल के अनुसार प्रियंका का प्रदेश कार्यालय जाकर पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करने का कार्यक्रम था। लेकिन जिला प्रशासन से मिली समय सीमा खत्म होने के चलते प्रियंका बिना पार्टी कार्यालय गये ही वापस लौट गई। पद यात्रा में प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर की गैर मौजूदगी चर्चा का विषय रही।


ये लड़ाई गांधी बनाम गोडसे: प्रमोद तिवारी
इस मौके पर पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी ने कहा कि लखनऊ में 2 बजे तक ही कार्यक्रम की अनुमति मिली थी। आचार संहिता होने की वजह से समय सीमा खत्म होने के चलते प्रियंका गांधी ने 2 बजे के बाद कोई कार्यक्रम नहीं किया। प्रमोद तिवारी ने कहा ये लड़ाई गांधी बनाम गोडसे की है। देश का राष्ट्रपिता एक ही है, दूसरा राष्ट्रपिता देश स्वीकार नहीं करेगा। जो गोडसे की विचारधारा का प्रचार करते मैं उनका नाम भी नहीं लेना चाहता। विधानसभा के विशेष सत्र पर टिपण्णी करते हुए प्रमोद तिवारी ने कहा ऐसे सत्र का क्या मतलब। पहले गांधी जी की विचारधारा पर चलो। कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता प्रमोद तिवारी ने भी विशेष सत्र पर टिपण्णी की।